पटना: जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) के बेटे संतोष मांझी (Santosh Manjhi) के इस्तीफे और पार्टी के विलय पर सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने शुक्रवार (16 जून) को पहली प्रतिक्रिया दी. सीएम ने कहा कि जीतन राम मांझी से हमने बोला था कि या तो अपनी पार्टी का जेडीयू में विलय कर दीजिए या महागठबंधन से अलग हो जाइए. मांझी ने विलय के बजाए महागठबंधन से अलग होने का निर्णय ले लिया और उनके बेटे संतोष सुमन ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.


नीतीश कुमार ने कहा कि 23 जून को पटना में विपक्षी दलों की बैठक है. अगर मांझी महागठबंधन में रहते तो मीटिंग में जो भी बातें होतीं वह सब जाकर बीजेपी को बता देते इसलिए हमने पहले ही कह दिया था कि विलय करिए पार्टी का जेडीयू में या बाहर हो जाइए. महागठबंधन में मांझी जब थे तो बीजेपी के लोगों से मिल रह थे. हमको पता था कि वह चले जाएंगे, लेकिन आकर हमसे कहते थे कहीं नहीं जायेंगे. आपके साथ रहेंगे.


सीएम बोले- बीजेपी ने क्या कराया सबको पता है


चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी का बिना नाम लिए नीतीश कुमार ने कहा कि 2020 बिहार विधानसभा चुनाव में हमारे उम्मीदवारों को हरवाने का काम किया गया. बीजेपी ने क्या कराया सबको पता है. हमारे जीतने और हारने वाले उम्मीदवारों ने कहा था कि बीजेपी ने सपोर्ट नहीं किया बल्कि खेल कर दिया. तब भी हम बीजेपी के साथ रहे, लेकिन बाद में एनडीए से अलग हो गए.


नीतीश कुमार ने कहा कि 2014 में हमने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया और जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया था. मेरे बारे में क्या क्या आजकल बोल रहे हैं वह जगजाहिर है. मांझी के बेटे संतोष सुमन को हमने जेडीयू कोटे से मंत्री बनाया था. उसने इस्तीफा दिया इसलिए हमने जेडीयू विधायक रत्नेश सदा को मंत्री बना दिया.


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