पटनाः बिहार में विपक्षी पार्टियां समेत एनडीए में शामिल बीजेपी भी बिहार में अफसरशाही को लेकर सरकार पर आरोप लगा चुकी है. इसको लेकर बीजेपी के कई बड़े और दिग्गज नेता बयान दे चुके हैं, लेकिन बिहार में अफसरशाही का सिलसिला आज कोई नया नहीं है. यह बहुत कम लोग जानते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी अफसरशाही के शिकार हो चुके हैं. नीतीश कुमार के पास टाई नहीं थी तो उनका पटना के एक स्कूल में एडमिशन नहीं हुआ.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पढ़ाने वाले शिक्षक इंद्रासन प्रसाद सिंह (89 वर्ष) बताते हैं कि बात उस समय की है जब नीतीश कुमार सातवीं क्लास पास कर चुके थे. नीतीश कुमार पढ़ने में बहुत तेज थे. सातवीं क्लास में अच्छे नंबर से पास किए थे. उनके पिता वैद्य जी अपने करीबी मित्र रहे शिक्षकों को बुलाया और कहा कि वो इसका (नीतीश कुमार) एडमिशन पटना के कॉलेजिएट स्कूल में कराना चाहते हैं.
तब शिक्षक इंद्रासन प्रसाद सिंह नीतीश कुमार को लेकर पटना के कॉलेजिएट हाई स्कूल पहुंचे. इंद्रासन प्रसाद सिंह उस समय बख्तियारपुर के गणेश दत्त हाई स्कूल में हिंदी और अर्थशास्त्र के शिक्षक थे. पटना कॉलेजिएट में नामांकन के लिए नीतीश कुमार ने टेस्ट दिया. टेस्ट में वो पहले स्थान पर तो आए लेकिन उनका एडमिशन यहां नहीं हो सका और जो छात्र दूसरे स्थान पर था उसका नामांकन हो गया क्योंकि वह किसी बड़े अधिकारी का बेटा था.
इंद्रासन प्रसाद सिंह ने पूछा कि नीतीश ने तो पहला स्थान पाया है और सेकेंड वाले का एडमिशन क्यों हो गया? तब वहां के शिक्षक ने नीतीश कुमार के बारे में बताया कि यह लड़का टाई पहनकर नहीं आया है इसलिए इसका एडमिशन नहीं होगा.
'राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री बन जाएं नीतीश कुमार'
शिक्षक इंद्रासन प्रसाद सिंह बताते हैं कि उस समय उनके मुंह से निकल गया था कि आज टाई के चलते एडमिशन नहीं हुआ. एक समय आएगा जब कितने टाई पहने लोग इसके पीछे रहेंगे और देखिए आज वह दिन आ गया. नीतीश कुमार के शिक्षक कहते हैं कि अब तो नीतीश के लिए प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति का पोस्ट ही बचा हुआ है. वह आशीर्वाद भी देते हैं कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति बन जाए.
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