पटना: विजयदशमी पर पटना के गांधी मैदान में रावण वध का आयोजन हुआ. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया. रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के वध के लिए भगवान राम जब गांधी मैदान पहुंचे तो मुख्यमंत्री नीतीश ने उन्हें टीका लगाया और आरती की. पहली बार दो तल्ले की लंका बनी थी. इस कार्यक्रम में वानर सेना के साथ रावण की सेना भी थी. कोई घटना न घट जाए इसलिए रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण के पुतला को जलाते समय छह से सात फायर यूनिट तैनात थी ताकि आग की लपटें कहीं दूसरी ओर नहीं चली जाएं.


जय श्री राम के नारों से गूंजा गांधी मैदान


पिछले दो सालों से कोरोना के चलते रावण वध नहीं हो रहा था. ऐसे में इस बार जब यह हुआ तो करीब 50 हजार लोग रावण वध देखने के लिए गांधी मैदान पहुंच गए. बारिश की संभावना को देखते हुए रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलों पर प्लास्टिक वार्निश की गई थी ताकी बारिश के कारण बाधा न पहुंचे. रावण के पुतले की ऊंचाई 70 फीट, मेघनाद की ऊंचाई 65 और कुंभकर्ण की ऊंचाई 60 फीट थी. गांधी मैदान में भगवान राम द्वारा चलाए गए तीर से पुतला धू-धू कर जल उठा. कार्यक्रम के समय जय श्री राम के नारों से पूरा गांधी मैदान गूंज रहा था. 


दहन से पहले धड़ाम से नीचे गिरा रावण


इस बार रावण दहन से पहले ही रावण का पुतला धड़ाम से नीचे गिर पड़ा. तेज हवा की वजह से 70 फीट के रावण का पुतला नीचे गिर गया. मौके पर जुटी लोगों की भीड़ ताली बजाने लगी. लोग हंसने लगे. बाद में फिर से रावण वध के लिए पुतला को क्रेन से उठाकर खड़ा किया गया जिसके बाद रावण जलाया गया. इधर, पिछली घटना को देखते हुए सतर्कता बरती गई थी. गांधी मैदान के सभी 12 गेटों को खोल दिया गया था जिससे कि लोग आसानी से बाहर निकल जाएं व भगदड़ न मचे. करीब 70 सीसीटीवी लगाए थे. चप्पे चप्पे पर पुलिस और जवान तैनात थे.


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