Patna News: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने रविवार (17 सितंबर) को आरोप लगाया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की 'कोई विश्वसनीयता नहीं बची है.' उन्होंने कहा कि यही कारण है कि जदयू नेता को विपक्ष दलों के गठबंधन I.N.D.I.A. के संयोजक के रूप में नामित नहीं किया जा रहा है. गिरिराज सिंह ने राज्य सरकार पर जातीय आधार पर लोगों को विभाजित कर वोट की राजनीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने हाल ही में बिहार के शिक्षा मंत्री द्वारा रामचरितमानस के बारे में की गई आपत्तिजनक टिप्पणी की भी निंदा की.


केंद्रीय मंत्री ने 'प्रधानमंत्री विश्वकर्मा' योजना के शुभारंभ के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम से इतर मीडिया से बातचीत में उन खबरों पर भी नाराजगी जताई, जिसमें कहा गया है कि बागेश्वर बाबा को गया में समागम करने की अनुमति देने से प्रशासन ने इनकार कर दिया है. गिरिराज सिंह ने दावा किया कि इस साल की शुरुआत में पटना में आयोजित बागेश्वर बाबा के समागम में जुटी भारी भीड़ ने राज्य के सत्तारूढ़ महागठबंधन के बीच 'डर' पैदा कर दिया था, इसलिए गया में उनकी सभा को अनुमति नहीं दी जा रही है.


राबड़ी देवी पर गिरिराज सिंह ने लगाया ये आरोप
नीतीश कुमार की अगुवाई वाली बिहार सरकार पर आरोप लगाते हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, 'नीतीश कुमार और उनके सहयोगी, राज्य के अंदर और अन्य जगहों पर, हिंदू धर्म को बदनाम कर रहे हैं. सनातन धर्म पर हमला द्रमुक (DMK) के आक्षेप और कांग्रेस द्वारा इसके समर्थन से शुरू हुआ, ये हाल ही में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के मंत्री चंद्रशेखर द्वारा हमारे पवित्र ग्रंथों की तुलना पोटेशियम साइनाइड से की गई. वे चुनाव के दौरान इसकी कीमत चुकाएंगे.' गिरिराज सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी पर शनिवार (16 सितंबर) को एक रैली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के भाषण की निंदा करने के लिए प्रयोग किये गए शब्दों के बारे में कहा, 'उन्होंने ऐसा करके बनिया समुदाय का 'अपमान' किया है.' 


गिरिराज ने हैदराबाद के निजाम को कहा 'लुटेरा'
इस दौरान गिरिराज सिंह ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार ने शाह पर 'बकवास' करने का आरोप लगाकर 'हताशा' का परिचय दिया है. उन्होंने दावा किया कि जनता दल यूनाइटेड (JDU) के कार्यकर्ता अक्सर अपने शीर्ष नेता के कहने पर 'नीतीश फॉर पीएम' के नारे लगाते हैं. एक प्रश्न का उत्तर देते हुए, गिरिराज ने हैदराबाद के निजाम को 'लुटेरा' कहा और आरोप लगाया कि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने रियासत के पूर्व शासक की प्रशंसा की थी, क्योंकि वह पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना की विचारधारा में विश्वास करते थे.


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