CM Nitish Kumar: बिहार विधानसभा (Bihar Assembly) में स्पीकर से बहस होने के बाद से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) विधानसभा नहीं जा रहे हैं. जबकि RJD मांग कर रहा है कि वो सदन में आएं. स्पीकर से माफी मांगें तभी सदन चलने देंगे. दूसरी ओर नीतीश कुमार अपने गृह जिला नालंदा (Nalanda) के दौरे में व्यस्त हैं.


नालंदा दौरे पर क्या बोले सीएम
सीएम नीतीश कुमार 16 मार्च को नालंदा गये थे. गुरुवार को भी उन्होंने नालंदा के रहुई व हरनौत का दौरा किया. नालंदा में गांव-गांव में जाकर नीतीश लोगों की समस्याओं को सुन रहे हैं. सरकारी योजनाएं जमीन पर कितनी सफल हैं? इसकी समीक्षा कर रहे हैं. रहुई में गुरुवार को उन्होंने कहा कि मैंने यहीं से राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी. मैं यहीं से पहली बार विधायक बना था, बाद में सांसद भी बना. आप लोगों के आशीर्वाद से 16 साल से बिहार का मुख्यमंत्री हूं. इसलिए हमने सोचा कि अपने पुराने विधानसभा एवं लोकसभा क्षेत्र के लोगों से मिले व उनकी समस्याओं को सुनकर उसका समाधान निकालें. 


कब तक रहेंगे नालंदा
सीएम ने कहा कि मैं अपने गृह जिले नालंदा का दौरा कर रहा हूं. बिहार में विधान परिषद चुनाव होने वाला है. तारीखों का ऐलान हो चुका है. चुनाव आयोग ने अधिसूचना जारी कर दी है. आचार संहिता लगा हुई है, इसलिए मैं नालंदा दौरे के दौरान मंच से माइक पर भाषण नहीं दे रहा हूं. यह मेरा बिलकुल निजी कार्यक्रम है. बता दें नीतीश कुमार एक से सात अप्रैल तक भी नालंदा के विभिन्न जगहों पर जाकर लोगों की समस्या सुनेंगे.


बाढ़ जिले पर क्या बोले
नीतीश कुमार ने कुछ समय पहले ऐलान किया है कि बाढ़ को नया जिला घोषित किया जाएगा. वह बाढ़ से पांच बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं. 2008 तक बाढ़ लोकसभा क्षेत्र था. नालंदा जिले के चंडी, हरनौत विधानसभा क्षेत्र इसी के तहत आते थे. 2008 के परिसीमन में बाढ़ को विधानसभा क्षेत्र बना दिया गया था. बिहार विधानसभा का बजट सत्र छोड़ नीतीश कुमार लगातार नालंदा में कैंप किये हुए हैं. इससे अब सवाल उठने लगा है कि आखिर नीतीश के मन में चल क्या रहा है?


डैमेज कंट्रोल की हो चुकी है कोशिश
बिहार में JDU-BJP गठबंधन वाली NDA सरकार तो है लेकिन जातीय जनगणना, शराब बंदी, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा समेत बीजेपी एवं जदयू में कई मुद्दों पर टकराव है. बिहार विधानसभा में कानून व्यवस्था के मुद्दे पर नीतीश कुमार व स्पीकर विजय सिन्हा की बहस हुई थी. नीतीश ने कहा था कि आप संविधान का उल्लंघन कर रहे हैं. नीतीश ने उन पर जमकर निशाना साधा था. नीतीश के इस रुख से बीजेपी में नाराजगी थी. इस घटना से बीजेपी और जदयू के बीच की दूरी और बढ़ती दिखी. डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश हुई. स्पीकर ने नीतीश से मुलाकात की थी. सदन में भी आए लेकिन आहत दिखे और अपने संदेश में इशारों-इशारों में नीतीश को बहुत कुछ सुना दिया. जदयू एवं बीजेपी के बीच की तल्खी बढ़ती जा रही है.


क्या है सवाल
सियासी गलियारों में चर्चाएं होने लगी हैं कि नीतीश चाहते क्या है? सवाल उठने लगे हैं की क्या बीजेपी से चल रहे टकराव के बीच नीतीश भविष्य को लेकर बड़ी प्लानिंग कर रहे हैं? क्या बाढ़ से अगला लोकसभा चुनाव लड़ जितना चाहते हैं और केंद्र की सियासत में बड़ी भूमिका अदा करना चाहते हैं? जदयू नेताओं के द्वारा कहा भी जा चुका है कि नीतीश में प्रधानमंत्री बनने की काबिलियत है. क्या विपक्षी दलों को एकजुट कर नीतीश पीएम पद के दावेदार बनना चाहते हैं? सियासत संभावनाओं का खेल है एवं यह ऐसे प्रश्न हैं जिसका जवाब समय के साथ खुद मिलता चला जाएगा. नीतीश अपने चौंकाने वाले फैसलों के लिये जाने जाते हैं.


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