NEET Paper Leak Case: नीट पेपर लीक मामले में लगातार सियासत गर्म है. कहीं परीक्षा रद्द करने की मांग हो रही है तो कहीं एनटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) पर ही सवाल खड़े किए जा रहे हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की पार्टी जेडीयू ने भी कई सवाल उठाए हैं. शुक्रवार (21 जून) को एबीपी न्यूज़ से बातचीत में जेडीयू एमएलसी राजवर्धन झा आजाद (Rajvardhan Jha Azad) ने बड़ा बयान दिया है.


नीट का पेपर लीक होना गंभीर मामला: जेडीयू एमएलसी


जेडीयू एमएलसी राजवर्धन झा आजाद ने नीट पेपर लीक मामले में कहा कि इस परीक्षा को कैंसिल कर देना चाहिए. उन्होंने एनटीए पर सवाल खड़े किए. कहा कि एनटीए की दलील कहीं से भी सही नहीं है. नीट गड़बड़ी से लाखों बच्चों का भविष्य खतरे में है. नीट का पेपर लीक हो जाना एक गंभीर मामला है.


'खतरे में 25 लाख बच्चों का भविष्य'


एमएलसी राजवर्धन झा आजाद ने कहा कि 25 लाख बच्चों का भविष्य खतरे में है. उन्होंने कहा कि ग्रेस मार्क का आधार क्या है? किस आधार पर एनटीए की ओर से ग्रेस मार्किंग की गई? बच्चों को कम समय पेपर लिखने के लिए मिला तो उस आधार पर ग्रेस मार्किंग देना कहीं से सही नहीं है. ग्रेस मार्किंग की जगह 15 मिनट का समय एनटीए को बढ़ा देना चाहिए था.


'फिर से फ्रेश एग्जाम लेने की जरूरत'


जेडीयू एमएलसी ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में आगे कहा कि नीट पेपर को खारिज कर देना चाहिए. जो आधार दिए गए वह कहीं से जायज नहीं हैं. अगर ऐसे हालात रहे तो पूर्व में कई बच्चों ने सुसाइड किया है. 2019 में एक बच्ची ने आत्महत्या कर ली थी. ऐसी स्थिति में बच्चों को प्रॉब्लम हो जाती है. यह एग्जाम रद्द होना चाहिए और फिर से फ्रेश एग्जाम लेने की जरूरत है.


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