पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिल्ली हिंसा को निंदनीय बताया है. 72वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर देश की राजधानी दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर रैली के दौरान जो उपद्रव हुआ उसपर प्रतिक्रिया देते हुए सीएम नीतीश ने कहा की ये गलत बात है. लाल किले पर झंडा फहराने का क्या औचित्य है?
जितनी निंदा की जाए वो कम
उन्होंने कहा कि सभी को अपनी बातों को रखने का अधिकार है, लेकिन अपनी बात रखने का ये मतलब नहीं कि आप ऐसी बात करें जो देशहित में नहीं हो. जो कुछ भी लाल किले पर हुआ वो बहुत ही निंदनीय हुआ. उसकी जितनी निंदा की जाए कम है.
अपनी बात रखने का सबको अधिकार
आरजेडी के मानव श्रृंखला पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि अपनी बात रखने का सबको अधिकार है. कम से कम वो मानव श्रृंखला को मानने तो लगे. इसकी शुरुआत तो हमलोगों ने सबसे पहले शराबबंदी को लेकर की थी. इसके बाद 2017 में दहेज प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ मानव श्रृंखला बनाया गया. वहीं, पिछले साल जल जीवन हरियाली को लेकर कितनी बड़ी मानव श्रृंखला बनाई गयी थी. इसपर मुझे कुछ नहीं कहना.
महात्मा गांधी को दी श्रद्धांजलि
बता दें कि सीएम नीतीश शनिवार को महात्मा गांधी के 73वें पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने गांधी घाट पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि अर्पित की. इसके बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए यह बातें कहीं. वहीं, उन्होंने कहा कि आज ही के दिन बापू की हत्या हुई थी और आज शहीद दिवस है. ऐसे में हम सबलोग अपनी श्रद्धा निवेदित करने के लिए यहां उपस्थित हुए.
बाबू की बातों का करना चाहिए अनुशरण
उन्होंने कहा कि देशवासियों को बापू को हमेशा याद रखना है. उन्होंने देश को आजाद कराया. उसके अलावे देश के विकास के लिए जो कुछ भी बातें उन्होंने कही हैं, हम सभी को उन बातों को मानकर चलना चाहिए. बिहार में तो बापू के विचारों को ध्यान में रखकर ही सारा काम होता है. अगर लोग बापू की कही बातों का 10 प्रतिशत भी अनुशरण करेंगे तो समाज का स्वरूप बदल जाएगा.
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