BPSC  Mains Exam 2023: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार राज्य लोक सेवा आयोग (BPSC) के 75वें स्थापना के मौके पर अधिकारियों को पारदर्शी का पाठ पढ़ाया. उन्होंने कहा कि मुख्य परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थी, जो साक्षात्कार में शामिल होते हैं, उन अभ्यर्थियों का मूल्यांकन पारदर्शी और बेहतर ढंग से होना चाहिए, ताकि किसी को कोई शिकायत न हो. 


अभ्यर्थियों को लिखित परीक्षा के दौरान यदि अधिक नंबर मिले हैं, तो साक्षात्कार में उन्हें रियायत दिया जाना चाहिए, ताकि ऐसे होनहार अभ्यर्थी को साक्षात्कार में कम नंबरों की वजह से छंटनी न हो.


सीएम ने अपनी दलील के पीछे ये दिया तर्क


सचिवालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री कुमार ने कहा कि अगर लिखित परीक्षा में किसी को अधिक नंबर मिला है, तो इससे ये तो साफ है कि उसकी पढ़ाई में कोई कमी नहीं है. सीएम ने दलील दी कि कई बार अभ्यर्थी डर और शर्म की वजह से अपनी बातों को सही तरीके से नहीं रख पाते हैं. ऐसे में इन अभ्यर्थियों की काबिलियत पर संदेह नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि लिखित परीक्षा में अच्छा नंबर हासिल करने वाले अभ्यर्थी स्वभाविक रूप से पढ़ने में तेज होता है. ऐसे में इंटरव्यू के दौरान भी उनकी छोटी-मोटी गलतियों को नजरअंदाज कर उन्हें रियायत देते हुए अधिक नंबर देना चाहिए.


राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग पर बरसे


इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग के काम करने की सुस्त रफ्तार पर अपनी नाराजगी जताई. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उसकी समीक्षा करके आयोग के शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया भी भविष्य में बीपीएससी के जरिए कराई जाए. 


बीपीएससी के जरिए 45892 लोगों की होगी भर्ती


इस मौके पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश के बेरोजगार लोगों को बड़ी खुशखबरी दी. उन्होंने कहा कि  बीपीएससी के माध्यम से 45892 लोगों की नौकरी दी जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने 40506 हेड मास्टर की बहाली की प्रक्रिया में भी तेजी से काम करने के निर्देश दिये. इसके अलावा नीतीश कुमार ने  बीपीएससी में सदस्यों के रिक्त पड़े पदों पर पांच दिनों में बहाली का निर्देश मुख्य सचिव को दिया. उन्होंने कहा कि बीपीएससी के विभिन्न विभागों में खाली पदों पर कर्मियों की बहाली जल्दी होगी. मुख्यमंत्री ने आश्वासन देते हुए कहा कि बिहार लोक सेवा आयोग को जो भी आवश्यकता है, सरकार इसमें सहयोग करेगी.