Adani Group Cement Plant In Warisaliganj: नवादा जिले के वारिसलीगंज में चीनी मिल की जमीन पर उद्योगपति अडानी समूह के अंबुजा सीमेंट ग्रेडिंग यूनिट की स्थापना को लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 29 जुलाई को वारिसलीगंज में भूमिपूजन करेंगे. इसकी जानकारी देते हुए कंपनी के एजीएम प्रभात श्रीवास्तव ने कहा कि चीनी मिल की जमीन को बियाडा के माध्यम से अडानी समूह ने लेकर अंबुजा सीमेंट का ग्रेडिंग यूनिट का स्थापना कर रही है. फैक्ट्री लगने की सूचना बाद वारिसलीगंज समेत जिले के बेरोजगारों में खुशी की लहर है. 


72 एकड़ जमीन को बियाडा ने अडानी ग्रुप को दिया


दरअसल वारिसलीगंज की बंद चीनी मिल की करीब 72 एकड़ जमीन को बियाडा ने अडानी ग्रुप आफ कंपनीज को उधोग लगाने के लिए हस्तांतरित किया है, जिस पर अडानी समूह द्वारा अंबुजा सीमेंट का ग्रेडिंग यूनिट लगाने की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है. इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 29 जुलाई को उधोग स्थापना को ले भूमिपूजन करेंगे. जानकारी के अनुसार उक्त जमीन को अडानी समूह ने लेकर अनुमानित 1400 करोड़ की लागत से अंबुजा सीमेंट व बिल्डिंग मेटेरियल उत्पाद से जुड़ा उधोग स्थापित करेगी.


इस कंपनी के माध्यम से 6.0 एमटीपीए का सीमेंट ग्रन्डिंग यूनिट स्थापित होगी. जिसमें प्रत्यक्ष रूप से करीब दो हज़ार और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग पांच हज़ार लोगो को रोजगार मिल सकेगा. उधोग की स्थापना से नवादा समेत बिहारवासियों में एक उत्साह का संचार हो रहा है, क्योंकि बेरोजगार युवाओं में रोजगार मिलने की आस बन रही है.


प्रदूषण को लेकर आस-पास के लोग में हैं चिंतित


वारिसलीगंज बाजार समेत आस-पास के ग्रामीण इलाके के लोग प्रदूषण को लेकर खासे चिंतित है. लोगों का मानना है कि घनी आबादी के बीच सीमेंट फैक्ट्री संचालित होने से क्षेत्र में प्रदूषण बढ़ेगा. जिसका लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर होगा. पूर्व पंसस ललन कुमार ने कहा कि चीनी मिल की जमीन पर उद्योग लगाने के लिए अडानी ग्रुप का आना वारिसलीगंज ही नहीं नवादा जिले के लिए सौभाग्य की बात है, लेकिन घनी आबादी में सीमेंट फैक्ट्री लगाना स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से अनुचित होगा.


पंसस राहुल कुमार ने कहा कि वारिसलीगंज जैसे छोटे जगह पर अडानी समूह के बड़े निवेश की खबर से काफी प्रसन्नता हुई है. उस जमीन पर कोई कृषि उत्पादों से जुड़ा उधोग स्थापित होता तो ठीक रहता, क्योंकि घनी आबादी में सीमेंट फैक्ट्री स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से खतरनाक हो सकता है. वहीं हम के जिला उपाध्यक्ष सनोज साव ने कहा कि वारिसलीगंज में 1400 करोड़ खर्च कर फैक्ट्री बनवाने की घोषणा से अत्यंत खुशी मिली है, लेकिन सीमेंट की जगह कोई दूसरा रोजगारपरक उघोग लगता तो बेहतर होता. तकलीफ सिर्फ इस बात का है कि वो स्थान भौगोलिक दृष्टि से सीमेंट फैक्ट्री स्थापित करने लायक नहीं है.


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