बिहार: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्पष्ट तौर पर कह दिया है कि प्रदेश में फिलहाल जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू नहीं होने वाला है. मुख्यमंत्री का मानना है कि जागरूकता और स्त्री शिक्षा के तहत जनसंख्या को नियंत्रित किया जा सकता है. हालांकि, उनके कुछ मंत्री जनसंख्या कानून को लेकर उनके इस स्टैंड से सहमत नहीं हैं और समय-समेत पर अपनी असहमति जाहिर करते रहते हैं.
इसी क्रम में बीजेपी कोटा से मंत्री बने नितिन नवीन ने जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करने को लेकर अपनी राय रखी है. उन्होंने कहा, " जनसंख्या नियंत्रण कानून जरूर बनना चाहिए. इसके बनने से समाज में सद्भावना का वातावरण बनेगा. निगम और पंचायत चुनाव में नियम है कि दो से अधिक बाच्चों वाले उम्मीदवार चुनाव नहीं लड़ सकते तो इसे ग्लोबली क्यों ना स्वीकार किया जाए."
क्या समाज के हर वर्ग को जनसंख्या नियंत्रण में सहयोग नहीं करना चाहिए? - नितिन नवीन
मंत्री ने कहा, "जब कानून बनेगा तो ये हर व्यक्ति पर लागू होगा. जनसंख्या नियंत्रण कानून को केवल एक विषय से जोड़कर मत देखिए. ये देखिए कि इसका बड़ा असर क्या होगा. क्या समाज के हर वर्ग को जनसंख्या नियंत्रण में सहयोग नहीं करना चाहिए? कानून इसलिए बनाना जरूरी है क्योंकि कभी-कभी कानून के दायरे में लाकर लोगों को सही दिशा दिया जाता है."
जनसंख्या एक ग्लोबल प्रॉब्लम है- नितिन नवीन
जातीय जनगणना के संबंध में मंत्री नितिन नवीन ने कहा, "मेरा और अन्य नेताओं का भी मानना है कि जनसंख्या एक ग्लोबल प्रॉब्लम है. किसी को हम तब न उसका अधिकार देंगे, जब उससे प्रकृति पर विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा. हम समाज विशेष को नहीं देख करके, पहले जाति विशेष को देख रहे हैं. पहले पूरे समाज का ग्लोबल रूप देखिए तब उसके दूसरे स्वरूप पर आइयेगा. हम लोगों ने शुरू से कहा है कि जातीय जनगणना कराने का विषय केंद्र में गया हुआ है. केंद्रीय स्तर पर इस विषय पर विमर्श हो रहा है लेकिन जो बड़ा विषय है, वो जनसंख्या नियंत्रण का है."
बीजेपी और जेडीयू की अलग राय से मौजूदा सरकार पर खतरा के सवाल पर उन्होंने कहा कि मतभेद होने के बावजूद हमने साथ सरकार चलाई है. मतभेद हो सकता है, मनभेद नहीं होना चाहिए. कानून और जागरूकता एक साथ चलती हैं. पहले जनसंख्या नियंत्रण कानून लाया जाए, फिर जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया जाए.
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