पटना: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने सीएम नीतीश कुमार से इस्तीफा मांगा है. रविवार को सुशील मोदी ने कहा कि अब नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) को अति पिछड़ों से ज्यादा एमवाई (MY) पर भरोसा है. कहा कि नीतीश कुमार जानते हैं कि बिहार के अति पिछड़ा नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के साथ है इस कारण उन्हें अब अति पिछड़ों की चिंता नहीं है.


बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार के अति पिछड़ा एवं अन्य नीतीश कुमार के कारण मेयर/डिप्टी मेयर बनने से वंचित हो गए हैं. बिहार के अति पिछड़ों एवं अन्य का करोड़ों रुपये का नुकसान जो चुनाव प्रचार में हुआ है इसकी भरपाई राज्य सरकार करे. उन्होंने बीजेपी की तीन मांगों का भी जिक्र किया. सुशील मोदी ने कहा कि बीजेपी की तीन मांगें हैं.


तीन मांगों को देखें



  • अति पिछड़ों को नगर निकाय में आरक्षण देकर तत्काल चुनाव कराओ.

  • अति पिछड़ों को आरक्षण से वंचित करने की जिम्मेदारी लें, नीतीश कुमार इस्तीफा दे.

  • बिहार के अति पिछड़ों एवं अन्य का करोड़ों का चुनाव प्रचार में जो खर्च हुआ है इसकी भरपाई राज्य सरकार करे.


सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार में सरकारी नौकरियों और स्थानीय निकायों में अति पिछड़ों को आरक्षण उन्हीं सरकारों में मिला जिसमें जनसंघ या बीजेपी शामिल थी. 1978 में स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर की सरकार में पंडित कैलाशपति मिश्र वित्त मंत्री थे, जिस कार्यकाल में ईबीसी को 26% सरकारी नौकरियों में आरक्षण मिला. 2007 में बिहार में एनडीए की सरकार ने स्थानीय निकायों में ईबीसी को 20% आरक्षण दिया जिसमें बीजेपी शामिल थी और वो नगर विकास मंत्री थे. नीतीश कुमार ने जिस आरजेडी-कांग्रेस से हाथ मिलाया है उस लालू-कांग्रेस राज में 23 साल तक स्थानीय निकाय का चुनाव नहीं हुआ था. 


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