Bihar News: गोपालगंज में अचानक चैंबर से गायब हुए सीओ और सीआई, फर्जी जमाबंदी मामले में खोज रही पुलिस
Fake Jamabandi Case: गोपालगंज राजेंद्र नगर बस स्टैंड की फर्जी जमाबंदी मामले में डीएम के आदेश पर अंचलाधिकारी की गिरफ्तारी होगी. इस मामले में राजस्व कर्मचारी की सेवा समाप्त कर दी गई है.
Gopalganj News: राजेंद्र नगर बस स्टैंड की अरबों की सरकारी जमीन का फर्जी तरीके से भू-माफिया के नाम पर जमाबंदी किए जाने के मामले में कार्रवाई तेज हो गई है. अंचल कार्यालय के अधिकारियों, कर्मियों और भू-माफिया पर हर रोज कार्रवाई का दायरा बढ़ रहा है. पुलिस ने एफआइआर दर्ज करने के बाद कानूनी कार्रवाई तेज कर दी है, तो विभागीय स्तर पर भी कार्रवाई तेज है. डीएम मोहम्मद मकसूद आलम के आदेश पर जिला प्रशासन ने नगर परिषद के राजस्व कर्मचारी दिनेश चंद्र मिश्र की सेवा समाप्त कर दी है.
प्रशासन की कार्रवाई से मचा हड़कंप
वहीं, सीओ और सीआई पर विभागीय कार्रवाई चल रही है. शुक्रवार को दोनों ही अधिकारी अपने ही चेंबर से गायब मिले. सीआइ और राजस्व कर्मचारी भूमिगत हैं. इनके सांठगाठ में शामिल भू-माफिया और नामजद अभियुक्त अजय दूबे भी फरार है. वहीं, दूसरी तरफ पुलिस ने साक्ष्य इक्कठा करने के साथ ही सरेंडर करने के लिए नामजद अभियुक्तों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है. पुलिस के अधिकारिक सूत्रों की माने तो कभी भी इन अभियुक्तों की गिरफ्तारी हो सकती है. भ्रष्टाचार के खिलाफ पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई से हड़कंप मचा हुआ है. पुलिस एक-एक बिंदु और इन माफियाओं की गतिविधियों की जांच कर कार्रवाई करने में जुटी हुई है.
नगर परिषद के राजेंद्र बस स्टैंड, जहां से पटना, गोरखपुर, बनारस, पश्चिम बंगाल, रांची और टाटा के लिए बसें खुलती है, उसे भू-माफिया अजय दूबे ने अपने नाम पर फर्जी तरीके से जमाबंदी करा लिया है. कुचायकोट थाना क्षेत्र के सासामुसा के रहनेवाले भू-माफिया के प्रलोभन में आकर सदर अंचल के सीओ गुलाम सरवर, सीआई जटाशंकर प्रसाद, राजस्व कर्मचारी दिनेश चंद्र मिश्र ने भी अरबों की सरकारी जमीन की जमाबंदी कर दी. नियमों को ताक पर रखकर राजेंद्र बस स्टैंड की जमीन का फर्जी तरीके से जमाबंदी की गई थी.
मामले में क्या कहते हैं पुलिस अधिकारी?
गोपालगंज नगर इंस्पेक्टर ओमप्रकाश चौहान ने बताया कि पुलिस केस दर्ज करने के बाद अनुसंधान कर रही है. अनुसंधान के साथ साक्ष्य को इक्कठा किया जा रहा है. साक्ष्य संकलन होने के बाद पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी. वरीय अधिकारियों से निर्देश लेकर मामले में गिरफ्तारी होगी. सीओ या किसी अधिकारी की गिरफ्तारी होने पर जिलाधिकारी को सूचना देने का प्रावधान है. पुलिस एक-एक बिंदु पर जांच कर कानूनी कार्रवाई करने में जुटी हुई है.
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