सुपौल: बिहार के सुपौल जिले के नगर थाना क्षेत्र में बुधवार को लोग उस वक्त सकते में आ गए जब सदर बाजार स्थित निजी क्लीनिक में काम करने वाले कंपाउंडर की लाश क्लीनिक में ही फंदे से लटकी मिली. संदिग्ध अवस्था में लाश देखने के बाद स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना क्लीनिक मालिक और पुलिस को दी.


पूरे मामले की जांच में जुटी पुलिस 


घटना की सूचना पाकर निजी क्लिनिक संचालक डॉक्टर जितेंद्र कुमार सिंह मौके पर पहुंचे. वहीं, मृतक के परिजन भी घटनास्थल पर पहुंचे. बेटे की लाश देखते ही मृतक के परिजनों ने हंगामा करना शुरू कर दिया. इधर, घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची सदर थाना की पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई है. घटना सदर थाना क्षेत्र के भेलाही रोड स्थित मां देवता हड्डी हॉस्पिटल की है.


मृतक की पहचान पिपरा थाना क्षेत्र के जोलाहनियां गांव निवासी संजय मंडल के रूप में की गई है. वो वर्षों से हॉस्पिटल में काम कर रहा था. लेकिन आज अचनाक उसका शव क्लीनिक से बरामद किया गया. इधर, इस पूरे मामले में क्लीनिक के मालिक सहित अन्य पर हत्या करने का आरोप लगाया गया है.


मृतक के भाई ने सदर थाने में दिया आवेदन


इस बाबत मृतक के भाई रामविलास मंडल ने सदर थाने में आवेदन दिया है, जिसमें उसने कहा है कि बुधवार की सुबह लगभग नौ बजे जब उसने अपने भाई के मोबाइल पर फोन किया तो उसने फोन नहीं उठाया. उसके बाद जब डॉ. जितेन्द्र कुमार सिंह को फोन किया, तो उन्होंने क्लीनिक पर आने के लिए कहा. जब क्लीनिक पर आया तो देखा कि भाई का शव पंखा से लटका हुआ है.


उन्होंने कहा कि डॉक्टर ने ही अन्य लोगों के साथ मिलकर कंपाउंडर की हत्या कर दी है. हत्या को आत्महत्या का रूप देने के लिए शव को पंखे से लटका दिया है. आवेदन में कहा गया है कि मृतक क्लीनिक में पांच सालों से काम करता था. डॉक्टर को उसने तनख्वाह बहन की शादी में देने के लिए कहा था. बहन की शादी जब ठीक हुई तब डॉक्टर से उसने अपनी तनख्वाह मांगी. ऐसे में पैसे पचाने के ख्याल से उसकी हत्या की गई है.


फिलहाल, पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है. इधर, पोस्टमार्टम के बाद शव को पुलिस ने परिजनों को सौंप दिया है.


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