पटना: 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की कभी भी घोषणा हो सकती है. पार्टियां तैयारी में लग गई हैं. इस बीच बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह (Akhilesh Prasad Singh) को एक बार फिर बड़ी जिम्मेदारी मिली है. लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) से पहले उनकी पार्टी कांग्रेस (Congress) ने भरोसा जताया है. यही वजह है कि उन्हें कांग्रेस ने बिहार में लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव समिति का गठन करते हुए अखिलेश प्रसाद सिंह को इसका अध्यक्ष बनाया है.


बुधवार को पत्र जारी करते हुए इसका एलान किया गया है. इस लिस्ट में 50 नेताओं के नाम शामिल हैं. इसमें पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा और शकील अहमद खान का भी नाम है. अब देखना होगा कि अखिलेश प्रसाद सिंह इस जिम्मेदारी को कैसे और कितना पूरा करते हैं.






एक्टिव दिख रहे हैं अखिलेश प्रसाद सिंह


बता दें कि अखिलेश प्रसाद सिंह इन दिनों हर तरह से एक्टिव दिख रहे हैं. बिहार में तीन मार्च को जन विश्वास महारैली का आयोजन होने वाला है. पटना के गांधी मैदान में यह रैली होगी. एक तरफ जहां तेजस्वी यादव यात्रा पर निकले हैं. लोगों के बीच जाकर उनका विश्वास जीत रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर अखिलेश प्रसाद सिंह ने बीते बुधवार को 3 मार्च को पटना के गांधी मैदान में होने वाली 'जन विश्वास महारैली' में शामिल होने का न्योता देने के लिए प्रचार गाड़ी को पार्टी का झंडा दिखाकर रवाना किया. तेजस्वी यादव ने भी तीन मार्च को लोगों से गांधी मैदान में एकजुट होने की अपील की है.


वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के दो विधायकों ने पाला बदल लिया है. वो बीजेपी में शामिल हो गए हैं. कांग्रेस के लिए यह झटका है. इसको लेकर बुधवार को ही अखिलेश प्रसाद सिंह ने बिहार विधानसभा में स्पीकर नंद किशोर यादव से मिलकर उनको भारतीय जनता पार्टी की अलोकतांत्रिक गतिविधियों से अवगत कराया. इतना ही नहीं बल्कि दोनों बाघी सदस्यों की विधानसभा सदस्यता को रद्द करने के लिए पत्र सौंपा.


यह भी पढ़ें- केके पाठक ने नहीं निकाला कोई आदेश, 10 से 4 बजे की स्कूल टाइमिंग वाला लेटर निकला फर्जी