Congress Meeting: दिल्ली में बिहार कांग्रेस के नेताओं की बैठक टली, लोकसभा चुनाव से पहले इन दो नेताओं में तकरार?
Bihar Congress Meeting: अगली बैठक कब होगी इसके बारे में कोई तिथि तय नहीं की गई है. यह बैठक लोकसभा चुनाव को देखते हुए होनी थी. मल्लिकार्जुन खरगे ने बैठक बुलाई थी.
पटना: दिल्ली में बिहार कांग्रेस के नेताओं की गुरुवार (17 अगस्त) को बैठक होने वाली थी लेकिन अब यह टल गई है. इस बैठक में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) खुद शामिल होने वाले थे. मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) की मौजदूगी में यह पूरी बैठक होने वाली थी. इसमें शामिल होने के लिए बिहार से कांग्रेस के नेता बुधवार (16 अगस्त) को ही दिल्ली पहुंच गए थे. अगली बैठक कब होगी इसके बारे में कोई तिथि तय नहीं की गई है.
हिमाचल दौरा बताई गई बैठक टलने की वजह
दरअसल, यह बैठक लोकसभा चुनाव को देखते हुए होनी थी. कांग्रेस नेताओं की मानें तो बैठक के टलने की वजह है कि राहुल गांधी हिमाचल में आपदा प्रभावित इलाकों के दौरे पर जा रहे हैं. इसके चलते आज यह बैठक नहीं हो सकी. वहीं बैठक टलने के पीछे दूसरी चर्चा दो नेताओं में तकरार को लेकर भी कही जा रही है. हालांकि इस पर कांग्रेस के नेताओं का कोई स्पष्ट बयान नहीं है.
35 नेताओं के नामों की मांगी गई थी सूची
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने 16 और 17 अगस्त को बैठक बुलाई थी. प्रदेश कांग्रेस कमेटी से 35 नेताओं के नामों की सूची मांगी गई थी. चर्चा है कि बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास ने सूची में जिन नामों को शामिल किया था वो संतोषजनक नहीं थे. इसको लेकर पार्टी ने नाराजगी जताई है. रिपोर्ट के मुताबिक बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह और प्रभारी भक्त चरण दास के बीच तकरार है. दोनों ने नेताओं के नाम अलग-अलग दिए हैं.
इस पूरे मामले पर बिहार कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने बताया कि हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सभी राज्यों के वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं से मिलकर आगामी लोकसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा कर रहे हैं. बिहार से 32 से 35 लोगों की लिस्ट मांगी गई थी. प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह पार्टी के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास की सहमति से सूची भेजी गई है. इनमें वरिष्ठ नेताओं के साथ कुछ विधायक भी वरिष्ठ के तौर पर हैं. इस बैठक में यह महत्वपूर्ण नहीं है कि विधायक हो, बल्कि वरिष्ठ अनुभवी नेता महत्वपूर्ण हैं. कई राज्यों में 100 से ज्यादा हमारे विधायक हैं तो सबका नाम लिस्ट में नहीं जा सकता है. जो विधायक वरिष्ठ नेताओं की सूची में हैं उनको केंद्रीय नेतृत्व ने आमंत्रित किया है.