बिहार: कांग्रेस विधायक शकील अहमद खान ने संस्कृत में शपथ लेकर पेश की मिसाल, हर तरफ हो रही है चर्चा
शपथ लेने के बाद एबीपी न्यूज से बातचीत करते हुए शकील अहमद खान ने कहा कि वहां शपथपत्र पांच भाषाओं में उपलब्ध था जिसमें संस्कृत, हिंदी, मैथिली ,उर्दू और अंग्रेजी थी. हमने संस्कृत इसलिए चुना क्योंकि हमें लगा कि इन सभी भाषाओं की माता यहां उपलब्ध हैं.
पटना: बिहार के कटिहार जिले के कदवा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक शकील अहमद खान ने विधानसभा में संस्कृत में शपथ लेकर नई मिसाल पेश की है. उनके इस निर्णय की सदन में मौजूद अन्य सभी सदस्यों ने हौसला अफजाई की है.दरअसल, विधानसभा चुनाव में जीते हुए सभी विधायकों को आज सदन में शपथ दिलाई जा रही थी. इसी दौरान जहां एक तरफ असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के विधायक अख्तरूल इमाम ने सदन में 'हिन्दुस्तान' शब्द बोलने को लेकर आपत्ति दर्ज की.
वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस विधायक शकील अहमद खान ने हिन्दुस्तान की सबसे पुरानी भाषा संस्कृत में शपथ लेकर पक्ष-विपक्ष सबको चौंका दिया. उनके शपथ लेने के बाद सदन में जोरदार तालियां बजीं.
शपथ लेने के बाद एबीपी न्यूज से बातचीत करते हुए शकील अहमद खान ने कहा कि वहां शपथपत्र पांच भाषाओं में उपलब्ध था जिसमें संस्कृत, हिंदी, मैथिली ,उर्दू और अंग्रेजी थी. हमने संस्कृत इसलिए चुना क्योंकि हमें लगा कि इन सभी भाषाओं की माता यहां उपलब्ध हैं. उस संस्कृत भाषा जिससे मेरा जीवन ओत प्रोत है, तो हमें लगा कि उसी भाषा में शपथ लेना उचित होगा.
शकील अहमद खान ने आगे कहा कि मेरे शपथपत्र पढ़ने के बाद सारे सदन में तालियों की गूंज सुनाई देने लगी और भाजपा के लोग आकर गले मिले. मेरा मानना है कि कट्टर सोच से समाज का विकास संभव नहीं इसलिए हमें प्यार और भाईचारे को बढ़ावा देना चाहिए.
शकील अहमद खान के इस निर्णय से कांग्रेस के विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्रा ने खुशी जताते हुए ट्वीट किया और उन्हें बधाई दी. अपने ट्वीट में प्रेमचंद मिश्रा ने लिखा कि बिहार कांग्रेस के कदवा क्षेत्र से निर्वाचित विधायक श्री शकील अहमद खान को बधाई जिन्होंने आज संस्कृत भाषा मे शपथ लेकर विधानसभा की सदस्यता ग्रहण की.