कटिहार: बिहार विधानसभा चुनाव सम्पन्न हो चुका है. चुनाव परिणाम के घोषणा के बाद सीएम नीतीश के नेतृत्व में मंत्री मंडल और नई सरकार का गठन हो चुका है. चुनाव भले ही सम्पन्न हो गया हो लेकिन चुनाव को लेकर सियासत अब भी जारी है. पहले शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी को लेकर सियासी घमसान मचा और अब तक उपमुख्यमंत्री को लेकर विवाद शुरू हो गया है.


दरअसल, उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद की उम्र को लेकर विवाद शुरू हो गया है. विवाद की शुरुआत चुनाव आयोग को सौंपे गए उनके 2005 से 2020 तक के हलफनामे में दिए गए उम्र संबंधी जानकारी को लेकर हुई है. दरअसल, 2005 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने चुनाव आयोग को जो हलफनामा सौंपा है उसमें उन्होंने अपनी उम्र 48 वर्ष बताई है.


वहीं, बिहार विधानसभा चुनाव 2010 में उन्होंने चुनाव आयोग को जो हलफनामा सौंपा है उसमें उन्होंने अपनी उम्र 49 साल बताई है. जबकि 2015 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने चुनाव आयोग को जो हलफनामा सौंपा है उसमें उन्होंने अपनी उम्र 52 वर्ष बताई है. वहीं, इस बार के चुनाव में उन्होंने चुनाव आयोग को जो हलफनामा सौंपा है उसमें उन्होंने अपनी उम्र 64 वर्ष बताई है.


इस बात को लेकर विवाद है कि उपमुख्यमंत्री की उम्र कैसे 2005-2010 के बीच 1 साल, 2010-2015 के बीच 3 साल और 2015-2020 के बीच 8 साल बढ़ गई. उनकी ओर से की गई इस गड़बड़ी को लेकर अब सूबे की सियासत गरमा गई है. आरजेडी ने इस बात को लेकर उनपर हमला बोला है.


आरजेडी ने ट्वीट कर कहा, " बिहार के उपमुख्यमंत्री अपनी उम्र में ही घोटाला एवं कमीशन के लिए ठेकेदारों को धमकाने और अपने सभी पारिवारिक सदस्यों को ठेकेदार बनाने में भी लिप्त हैं. पूरा कटिहार जानता है बिना कमीशन के ये क्षेत्र में कोई काम नहीं करते. अब इनके कारनामों से संपूर्ण बिहार परिचित होगा. " बहरहाल, उम्र को लेकर उपमुख्यमंत्री की ओर से किए गए इस घोटाले पर सियासत जारी है. अब देखना यह है कि आगे यह सियासत क्या मोड़ लेती है.