गया: बिहार में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का कहर जारी है. रोजाना लोगों की मौत हो रही है. सरकार ने कोरोना मरीजों के शवों के अंतिम संस्कार के लिए गाइडलाइंस जारी किया है. लेकिन हर मोर्चे पर गाइडलाइंस की अनदेखी की जा रही है. खासकर श्मशान घाटों पर लापरवाही का सिलसिला नहीं थम रहा. घाटों पर बिना सुरक्षा मानकों के पालन के बस जैसे-तैसे शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. 


प्रशासन की ओर से नहीं की गई है व्यवस्था


ताजा मामला प्रदेश के गया जिले का है, जहां विष्णुपद मंदिर के पास स्थित श्मशान घाट पर कोरोना संक्रमित मरीजों के शवों के अंतिम संस्कार के लिए गया नगर निगम और जिला प्रसाशन की ओर से समुचित व्यवस्था नहीं की गई है. जिला प्रसाशन की ओर से कोरोना संक्रमित और संदिग्ध मरीजों के अंतिम संस्कार के लिए घाट के दक्षिण साइड में स्थान चिन्हित किया गया है.


निगम की मानें तो उनकी ओर से 3 कर्मी वहां तैनात हैं, जो पीपीई किट से लैस हैं. शवों का अंतिम संस्कार उन्हें ही कराना है. लेकिन निगमकर्मी सिर्फ मास्क और ग्लब्स लगाकर शवों का अंतिम संस्कार कराने में जुटे हुए हैं. यहां तक कि अस्पताल से पैक करके दिए गए शवों को खोल कर अंतिम संस्कार कराया जा रहा है. वहीं, चिता पर परिजनों के शवों से लिपट रहे हैं. 


लकड़ी विक्रेताओं ने कही ये बात


इस संबंध में श्मशान घाट के लकड़ी के विक्रेताओं ने बताया कि कोविड के पहले 20 से 25 की संख्या में शव अंतिम संस्कार के लिए लाए जाते थे. लेकिन पिछले 8 दिनों से शवों के आने की संख्या 4 गुना तक बढ़ गई है. ऐसे में कभी कभार थोड़ी देर के लिए लकड़ी की समस्या भी हो जाती है. लेकिन किसी तरह आपूर्ति हो जाती है. उन्होंने बताया कि फिलहाल बंगाल से लकड़ी मंगाई जा रही है. उनकी मानें तो निगमकर्मी के अलावा डोम राजा भी पैसे लेकर अंतिम संस्कार कराने में जुटे हुए है. उनकी ओर से नियमों की अनदेखी की जा रही है, जिससे संक्रमण के प्रसार का खतरा और बढ़ गया है. 


यह भी पढ़ें - 


पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार को लगाई फटकार, कहा- नहीं सुधर रही तो सेना को सौंप दें स्वास्थ्य सेवा


नीतीश कुमार के मंत्री ने तेजस्वी पर कसा तंज, कहा- ट्विटर से नहीं चलता काम, पहले पटना वापस आएं