(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
आइसोलेशन सेंटर में बेहतर इलाज मिलने की वजह से ठीक हो रहे गंभीर मरीज, DM ने की डॉक्टरों की तारीफ
डीएम नवीन कुमार ने बताया कि विभागीय अधिकारी, डाक्टर और कर्मियों के समर्पण भरे प्रयासों से सैकड़ों गंभीर मरीजों की जान बचाने में सफलता मिली है. इससे यहां के स्वास्थ्य महकमें की प्रतिष्ठा बढ़ी है.
जहानाबाद: मौजूदा समय में हर तरफ बिहार के स्वास्थ्य व्यावस्था को लेकर सरकार की किरकिरी हो रही है. लेकिन इसी बीच कुछ आइसोलेशन सेंटर और अस्पताल ऐसे हैं, जहां की बेहतर व्यवस्था के वजह से गंभीर मरीज स्वस्थ होकर घर वापस लौट रहे हैं. बिहार के जहानाबाद जिले के सदर अस्पताल परिसर स्थित जीएनएम कॉलेज में संचालित डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर भी उनमें से एक हैं. सेंटर में उपल्बध ऑक्सीजन, पर्याप्त दवाओं और इलाज के अन्य सुविधाओं के सुखद परिणाम सामने आ रहें है.
खुद डीएम कर रहे निगरानी
बीते दिनों इस सेंटर से गंभीर रूप से संक्रमित 16 मरीज कोरोना से जंग जीतते हुए पूरी तरह स्वस्थ होकर घर लौटे. ठीक होने वालों में नौजवानों से लेकर 76 वर्ष के बुजुर्ग भी शामिल हैं. दरअसल, जिले के सबसे बड़े कोविड केयर सेंटर पर स्वास्थ्य विभाग के आलाधिकारी के साथ-साथ जिलाधिकारी नवीन कुमार ने भी नजर बना रखी है.
डीएम ने सेंटर से लगातार गंभीर मरीजों के ठीक होकर घर लौटने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए मरीजों के उपचार में लगे चिकित्सकों, नर्सों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के काम की तारीफ की है. उन्होंने कहा कि जिस तरह के कोरोना के हालात बने हैं, उसमें सिविल सर्जन, एसीएमओ, डीसीएचसी प्रभारी और आइसीयू के नोडल पदाधिकारी, डीपीएम जिला स्वास्थ समिति ने दृढ़ संकल्प, कर्मठता और कर्तव्य निष्ठा का जो प्रदर्शन किया है, वो काबिले तारीफ है.
गंभीर हालत में आए थे मरीज
डीएम नवीन कुमार ने बताया कि विभागीय अधिकारी, डाक्टर और कर्मियों के समर्पण भरे प्रयासों से सैकड़ों गंभीर मरीजों की जान बचाने में सफलता मिली है. इससे यहां के स्वास्थ्य महकमें की प्रतिष्ठा बढ़ी है. सभी 16 मरीजों का ऑक्सीजन लेवल 60 से 80 प्रतिशत तक गिर चुका था और उन्हें बुखार, सर्दी, खांसी इत्यादि के लक्षण परिलक्षित होने के बाद काफी गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती किया गया था.
उन्होंने बताया कि मरीजों का चिकित्सकों और नर्सों की ओर से निरंतर अनुश्रवण किया गया और सतत देख-रेख में रखा गया. जरूरत के हिसाब से उन्हें ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति की गई. रेमडेविर और फेविफ्लू से लेकर हर जरूरी और दुर्लभ हो रही दवाओं की यहां जरूरत के हिसाब से मरीजों को आपूर्ति की गई, जिसका परिणाम रहा कि मरीज लगातार ठीक होते रहे.
यह भी पढ़ें -
लालू यादव को याद आया अपना शासनकाल, कहा- हमने रिकॉर्ड बनाया था, ये सरकार तो...
पति को खोने के बाद फूट-फूटकर रोई महिला, कहा- 'जल्लाद हैं सारे, बाबू को बिना ऑक्सीजन के मार डाला'