पटना: बिहार में कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कैबिनेट के सभी मंत्रियों को जिलों का प्रभार सौंपने की मांग की थी. मांझी ने कहा था कि कोरोना काल में मंत्रियों को जिलों का प्रभार का सौंपा जाए ताकि उनकी देख रेख में बेहतर तरीके से काम हो सके. ऐसे में मांझी की मांग को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को कैबिनेट के मंत्रियों को जिलों की जिम्मेदारी सौंप दी है.
मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग की ओर से जारी की गई अधिसूचना
इस संबंध में बिहार सरकार के मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग की ओर से अधिसूचना जारी की गई है. विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि जिला कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति के अध्यक्ष सह प्रभारी मंत्री के मनोनयन से संबंधित मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग की ओर से बीते दिनों में निर्गत सभी अधिसूचनाओं को तात्कालिक प्रभाव से विलोपित करते हुए अगले आदेश तक इन मंत्रियों को जिलों का प्रभारी मंत्री सह अध्यक्ष जिला कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति मनोनीत किया जाता है.
विभाग की ओर से जारी की गई सूची इस प्रकार है -
बता दें कि हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (से.) के प्रदेश महासचिव और प्रदेश प्रवक्ता अमरेंद्र कुमार त्रिपाठी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह किया था कि जिला स्तर पर कोरोना महामारी को रोकने के लिए राज्य सरकार के मंत्रियों को जिलों का प्रभारी मंत्री बनाकर जिलों का दायित्व दी जाए. ताकि उनके निर्देश और निगरानी में जनहित का कार्य हो सके और कोरोना महामारी को नियंत्रित और समाप्त किया जा सके.
अमरेंद्र त्रिपाठी ने कहा था कि आज पूरे राज्य के ग्रामीण इलाकों में भी कोरोना महामारी का प्रसार देखा जा रहा है. ऐसे में कोरोना को रोकने के लिए सभी दलों के नेताओं सहित सांसद, विधायक और आम जनता का सहयोग अनिवार्य है.
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