पटना: बिहार में कोरोना को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है. पटना, नवादा समेत कई जिलों के अस्पतालों में तमाम व्यवस्था की जा रही. नवादा के सदर अस्पताल में लगभग 50 बेड का कोरोना वार्ड बनकर तैयार है. सभी बेड पर ऑक्सीजन की व्यवस्था की गई है. साथ ही नशा मुक्ति केंद्र में छह बेड पर वेंटिलेटर की भी व्यवस्था की गई है. वहीं सुपौल में पीएम फंद से 2020 में भेजी गई छह वेंटिलेटर मशीन 30 महीनों से जंग खा रही है और इसकी सुविधा लोगों को आज तक नहीं मिल सकी है. इसके अलावा जमुई में मॉक ड्रिल के माध्यम से मरीजों को मिलने वाले स्वास्थ्य व्यवस्था भी अधूरी दिखी. जांच पड़ताल के दौरान मॉकड्रिल में खामी नजर आई. यहां एक प्लांट चालू अवस्था में था तो वही दूसरा ऑक्सीजन प्लांट ख़राब  पड़ा दिखा.


नवादा में सदर अस्पताल में 50 बेड का कोरोना वार्ड


मंगलवार को नवादा की डीएम ने कोरोना की तैयारियों का जायजा लिया.डीएम ने सिविल सर्जन को निर्देश दिया कि कोरोना से बचाव को लेकर सभी तैयारी पूरी करें. डीएम निर्मला कुमारी ने बताया कि सदर अस्पताल में कोरोना से बचाव को लेकर पर्याप्त मात्रा में दवा भी उपलब्ध है. डीएम ने कहा कि सदर अस्पताल में लगभग 50 बेड का कोरोना वार्ड बनकर तैयार है. सभी बेड पर ऑक्सीजन की व्यवस्था की गई है. साथ ही नशा मुक्ति केंद्र में छह बेड पर वेंटिलेटर की भी व्यवस्था की गई है. 


सुपौल में सालों पुरानी वेंटिलेटर मशीन अब तक खराब


पीएम केयर फंड से सदर अस्पताल सुपौल में भेजी गई छह वेंटिलेटर मशीन 30 महीनों से जंग खा रही है और इसकी सुविधा लोगों को आज तक नहीं मिल सकी है. कोरोना काल में सदर अस्पताल खुद ही वेंटिलेटर पर अटक गया है. अस्पताल में वेंटिलेटर संचालित करने के लिए सदर अस्पताल में प्रशिक्षित तकनीशियन उपलब्ध नहीं है.


जमुई में अस्पताल की व्यवस्था


इधर, जमुई के सदर अस्पताल में कोविड शिल्ड और को वैक्सीन का एक भी वैक्सीन उपलब्ध नहीं है. दो ऑक्सीजन प्लांट में से एक ऑक्सीजन प्लांट खराब रखे हैं. कोरोना की लहर को देखते हुए मंगलवार को अस्पताल में मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया. मॉक ड्रिल के माध्यम से यह दर्शाया गया कि कोरोना को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट है. फिलहाल जमुई सदर अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए 20 बेड तैयार किए गए हैं. हालांकि कोविड के नोडल पदाधिकारी सह एसीएमओ डॉ रमेश प्रसाद ने बताया कि सदर अस्पताल सहित जिले के विभिन्न अस्पताल में कोरोना जांच लगातार चल रही. प्रत्येक दिन लगभग 750 व्यक्ति का कोरोना जांच की जा रही है. फिलहाल कोरोना जांच के लिए पर्याप्त मात्रा में किट मौजूद हैं. साथ ही कोरोना मरीजों के लिए जिले में दवा भी उपलब्ध है. उन्होंने बताया कि सदर अस्पताल में तीन एडवांस, पांचोसिक लाईफ व एक शव वाहन के रूप में एंबुलेंस मौजूद है.


एक ऑक्सीजन प्लांट खराब


सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इमरजेंसी कक्ष में मौजूद ऑक्सीजन पाईपलाईन में लगा आउटलेट जंक्शन लगभग तीन माह से खराब पड़ा है. बताया जाता है कि इमरजेंसी कक्ष में लगभग चार आउटलेट जंक्शन में तीन खराब डले हैं जबकि इमरजेंसी के पुरूष वार्ड में एक आउटलेट जंक्शन खराब है. इसके लिए विभाग को पत्र भी दिया गया है, लेकिन आज तक इन चार आउटलेट को दुरूस्त नहीं किया जा सका है. जमुई अस्पताल के सिविल सर्जन की माने तो ऑक्सीजन प्लांट पूरी तरह से चालू स्थिति में है. सदर अस्पताल में लगे दो ऑक्सीजन प्लांट में से एक ऑक्सीजन प्लांट जो 500 एलपीएम का है वह तो चालू है जबकि सदर अस्पताल में ही लगा दूसरा ऑक्सीजन प्लांट जो 950 एलपीएम का है वो बंद है. बताया जाता है कि प्लांट वोल्टेज कम होने के कारण चालू नहीं हो पा रहा है. 


कोरोना को लेकर अलर्ट


बीते 24 घंटे में कुल 53,104 सैंपल की जांच हुई है. अब तक कुल 8,39,062 मरीज ठीक हुए हैं. वर्तमान में कोविड के एक्टिव मरीजों की संख्या 14 है. बिहार में कोरोना मरीजों की रिकवरी प्रतिशत 98.555 है. यह अपडेट मंगलवार शाम चार बजे तक का है. बिहार में कोरोना को लेकर अलर्ट है. कुछ समय पहले बिहार को कोरोना मुक्त बताया गया था, लेकिन गया में केस आए जिसके बाद पटना, दरभंगा में भी कोविड के मरीज मिले हैं.


(इनपुट- नवादा से अमन, सुपौल से प्रियरंजन और जमुई से विद्या व्रत कवि कुमार सिंह)


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