मुजफ्फरपुर: तस्वीर को गौर से देखें, ऐसा इसलिए क्योंकि ये किसी गौशाला या तबेले की तस्वीर नहीं है. यह मुजफ्फरपुर के औराई प्रखंड के महेशवारा पंचायत स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र की तस्वीर है, जो अब गौशाला बन चुका है. मरीजों के बदले यहां जानवरों के रखा जाता है. वहीं, मरीजों के इलाज के लिए बनाए गए कमरों में जानवारों का चारा रखा जाता है.
20 साल पहले शुरू हुआ था काम
स्थानीय लोगों की मानें तो 20 साल पहले इस अस्पताल का निर्माण आरजेडी के शासनकाल में ही शुरू हुआ था. मगर नीतीश सरकार में इसका निर्माण पूरा नहीं हो सका. ऐसे में लोगों ने अर्धनिर्मित भवन में गायों को बंधना शुरू कर दिया. ग्रामीणों की मानें तो जब अस्पताल के निर्माण का काम शुरू हुआ था, तब वे काफी खुश थे कि अब उन्हें गांव में ही बेहतर इलाज मिल सकेगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. लोग इंतेजार ही करते रहे गए, कभी डॉक्टरों ने दर्शन नहीं दिया.
एसडीओ ने कही जांच की बात
इधर, जब इस मामले में एसडीओ पूर्वी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस अस्पताल के स्थिति की कोई जानकारी विभाग को नहीं दी गई है. जिन स्वास्थ्य केंद्रों पर नर्सों या अन्य स्वास्थ्यकर्मियों की तैनाती होती है, उन स्वास्थ्य केंद्रों की लगतार जानकारी मिलती रहती है. अब इस स्वास्थ्य केंद्र की सच्चाई क्या है, इसकी जांच कराई जाएगी.
गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर का औराई बाढ़ प्रभावित क्षेत्र है, जहां की जनता को हर साल बाढ़ की विभीषिका झेलनी पड़ती है. बाढ़ के बाद लोग कई बीमारियों से ग्रसित होते हैं, लेकिन गांव में अस्पताल नहीं होने की वजह से लोगों को शहर का चक्कर लगाना पड़ता है. वहीं, कोरोना में स्थिति और ज्यादा भयावह हो गई है. ऐसे में ग्रामीणों की मांग है कि गांव में जल्द स्वास्थ्य सुविधा बहाल की जाए.
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