मुंगेर: बिहार के मुंगेर जिले के असरगंज प्रखण्ड स्थित उच्च विद्यालय के शिक्षक सहित 25 बच्चों को गुरुवार को कोरोना संक्रमित पाया गया था. स्कूल में एक साथ इतने छात्रों और शिक्षकों को कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद हड़कंप मच गया था. लेकिन जिन छात्रों और शिक्षकों को कोरोना संक्रमित पाया गया था, उनका 24 घंटे के अंदर दोबारा टेस्ट करने पर वे सभी कोरोना निगेटिव पाए गए. ऐसे में लोग अब स्वास्थ्य विभाग की जांच प्रक्रिया पर सवाल उठा रहे हैं.


रैंडम जांच का दौरान पॉजिटिव आई थी रिपोर्ट


बता दें कि जिले के असरगंज प्रखण्ड के ममई गांव स्थित लाल बहादुर शास्त्री किसान उच्च विद्यापीठ के खुलते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा शिक्षकों और स्कूली बच्चों का रैपिड एंटीजन कीट से रैंडम कोरोना जांच किया गया था. इस दौरान 25 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. लेकिन सिविल सर्जन डॉ. अजय भारती के निर्देश पर शुक्रवार को मेडिकल टीम द्वारा दोबारा जांच किए जाने के बाद सभी कोरोना पॉजिटिव लोगों का रिपोर्ट निगेटिव आया.


अचानक ऐसा होना बड़ी बात


इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ. अजय कुमार भारती ने बताया कि वो खुद असरगंज गए थे और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी से बात कर सभी की दोबारा जांच कराई, जिसमें सभी का रिपोर्ट निगेटिव आया. उन्होंने बताया कि प्रत्येक दिन दो-ढाई हजार लोगों का टेस्ट किया जाता है, जिसमें 2 या 3 लोगों का रिपोर्ट पॉजिटिव आता है. कभी-कभी लोगों का रिपोर्ट नील भी आता है. ऐसे में 25 लोगों का रिपोर्ट अचानक से पॉजिटिव आना ये बड़ी बात थी.


टेस्टिंग प्रकिया पर उठ रहा सवाल


उन्होंने बताया कि इस मामले में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी को जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है. साथ ही इस तरह की घटना दोबारा न हो इस पर ध्यान रखने का निर्देश दिया गया है. बाहरहाल, पूरे मामले में देखा जाए तो इस घटना ने स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर दिया है.


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