पटना: कोरोन काल में दवाओं की कालाबाजारी रोकने के लिए गठित ईओयू की टीम को गुरुवार को बड़ी सफलता मिली. टीम ने सूबे की राजधानी पटना के एसपी वर्मा रोड स्थित निजी अस्पताल के डायरेक्टर समेत दो को रेमडेसिविर की कालाबाजारी करते हुए रंगे हाथ दबोच लिया. वहीं, आरोपियों के पास से जीवनरक्षक रेमडेसिविर इंजेक्शन के कई खुराक बरामाद किए.
गुप्त सूचना के आधार पर की कार्रवाई
दरअसल, आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की टीम को गुप्त सूचना मिली थी कि पटना स्थित रेनबो हॉस्पिटल से रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी हो रही है. ऐसे में टीम ने मामले की सत्यता की जांच कर, बिना समय गंवाए गांधी मैदान थाना की पुलिस की मौजूदगी में रेनबो हॉस्पिटल में देर शाम छापेमारी की, जहां से भारी मात्रा में रेमडेसिविर इंजेक्शन की बरामदगी हुई है. इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार भी किया गया.
गांधी मैदान थाना से मिली जानकारी के अनुसार ईओयू की ओर से की गई इस कार्रवाई में रेनबो हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. ए.असफाक सहित उनके साले की गिरफ्तारी हुई है. फिलहाल टीम इंजेक्शन की सत्यता को परखने में जुटी हुई है. ये पता लगाया जा रहा है कि बरामद किए गए इंजेक्शन असली हैं या नकली.
कालाबाजारी रोकने के लिए बनाई गई है टीम
मालूम हो कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर पूरे बिहार में बड़ी तेजी से पांव पसार रही है. पिछले कुछ दिनों में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. इसी बीच मेडिकल ऑक्सीजन, रेमडेसिविर और अन्य आवश्यक दवाइयों, जिनका उपयोग संक्रमण के इलाज में किया जाता है, की कालाबाजारी और अवैध भण्डारण का काम शुरू हो गया है.
ऐसे में मौजूदा समय में जीवन रक्षक दवाइयों की कालाबाजारी और अवैध भंडारण को रोकने के लिए आर्थिक अपराध इकाई, बिहार ने दो टीम का गठन किया है, जो कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. इसी क्रम में रेनबो अस्पताल के डायरेक्टर के खिलाफ कार्रवाई की गई है.
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