पटनाः बिहार में कोरोना वायरस को लेकर हर दिन एक से एक मामले सामने आ रहे हैं. किसी को वैक्सीन लगवाए बिना सर्टिफिकेट जारी हो जा रहा तो कोई कई बार वैक्सीन लगवा ले रहा है. बिहार के मधेपुरा में ब्रह्मदेव मंडल द्वारा कोरोना वैक्सीन की 12 डोज लेने के बाद अभी कार्रवाई पूरी भी नहीं हुई कि अब पटना सिविल सर्जन भी जांच की जद में आ गई हैं. कहा जा रहा है कि सिविल सर्जन डॉ. विभा कुमारी सिंह ने पांच बार कोरोना की वैक्सीन ली है.
इधर, अतिरिक्त वैक्सीन लेने के बारे में सिविल सर्जन ने खंडन किया है और मामले की जांच कर कड़ी कार्रवाई करने को कहा है. सिविल सर्जन ने कहा- ‘मैंने अपने आधार नंबर के माध्यम से कोविशील्ड वैक्सीन की दो डोज समय पर ली थी और बाद में तीसरी डोज (Precautionary) ली थी. आधार नंबर के अलावा किसी भी अन्य आईडी का प्रयोग मेरे स्तर से नहीं किया गया है.’
पहचान के बाद होगी कड़ी कार्रवाई
सिविल सर्जन डॉ. विभा कुमारी ने कहा कि मेरे अन्य आईडी का दुरुपयोग जिस स्तर से भी हुआ है उसकी पहचान कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. बिना मोबाइल के ओटीपी के कोई किसी के टीकाकरण का प्रमाणपत्र डाउनलोड नहीं कर सकता. इसकी अनुमति सिर्फ तीन अधिकारियों को है. इसकी भी जांच कराई जा रही है कि दो तरह के प्रमाणपत्र डाउनलोड कर कैसे और किसने सार्वजनिक किए.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, पटना सिविल सर्जन डॉ. विभा कुमारी के आधार कार्ड से कोरोना वैक्सीन के लिए हुए पंजीयन में 6 फरवरी 2021 को पहली, 12 मार्च को दूसरी और 13 जनवरी 2022 को कोविशील्ड वैक्सीन की प्रीकॉशनरी डोज लेने का प्रमाणपत्र जारी हुआ है। इसके अलावा पैन कार्ड से 6 जनवरी 2021 को कोविशील्ड की पहली और 17 जून 2021 को दूसरी डोज का प्रमाणपत्र जारी किया गया है.
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