पटना: देश में एक बार फिर से कोरोना वायरस (Corona Virus) ने टेंशन बढ़ा दी है. इसका प्रभाव बिहार (Bihar) में भी देखा जा रहा है. कोरोना से निपटने के लिए पटना एम्स (Patna AIIMS) में एहतियातन तैयारी शुरू कर दी गई है. इसकी जानकारी देते हुए मंगलवार को पटना एम्स के निदेशक जीके पाल (GK Pal) ने बताया कि पटना एम्स में 30 बेड का एक वार्ड तैयार किया गया है. हालांकि, अभी तक कोरोना के ज्यादातर मामले प्रकाश में नहीं आ रहे हैं.
पटना एम्स में तैयार किया जाएगा 300 बेड का अस्पताल
जीके पाल ने बताया कि कोरोना के मरीज बढ़ने पर एम्स में बेड की संख्या 300 तक की जा सकती है. कोविड-19 से निपटने के लिए एम्स कर्मियों को विशेष तौर पर प्रशिक्षित किया गया है. उन्होंने बताया कि कोविड का नया वेरिएंट ज्यादा प्रभावी नहीं है, लेकिन सचेत रहने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि देश के कुछ राज्यों में मास्क को अनिवार्य कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि बिहार में भी इस तरह के नियम लाने की जरूरत है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ज्यादा जरूरी न हो तो भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचें और मास्क का अनिवार्य तौर पर इस्तेमाल करें.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने दिए मॉक ड्रिल के आदेश
गौरतलब है कि देश में कोविड-19 के मामले बढ़ने के साथ ही स्वास्थ्य मंत्रालय ने अस्पतालों की तैयारियों का आकलन करने के लिए सोमवार और मंगलवार को राष्ट्रव्यापी मॉक ड्रिल की घोषणा की है. इस अभ्यास में भाग लेने के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्र दोनों को भाग लेने के लिए कहा गया है. मंडाविया ने शुक्रवार को एक बैठक की और राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों से अपने-अपने राज्य के अस्पतालों में मॉक ड्रिल की निगरानी करने को कहा. इसके सात ही राज्य और जिला स्वास्थ्य विभागों से भी कोरोनो वायरस संक्रमण में वृद्धि से निपटने के लिए क्षमता का विश्लेषण करने का आग्रह किया गया है.
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