पटना : सांसद और विधायक की तरह है अब नगर निगम के पार्षदों को भी अपनी बोर्ड के विकास के लिए योजनाओं का चयन करने का मिलेगा. सांसद और विधायक निधि की तर्ज पर बनी वार्ड योजना मद को निगम की सशक्त स्थाई समिति ने मंजूरी दे दी है.



नगर निगम की सशक्त स्थाई समिति की बैठक में 7 प्रस्तावों को पेश किया गया था. इसमें 5 को मंजूरी मिली, जबकि दो को अस्वीकृत कर दिया गया. बैठक में हर पार्षद को निगम मत से सालाना एक करोड़ देने और उसके अंतर्गत अनुशंसित योजनाओं को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया गया है. साथ ही शौचालय और मेनहोल कैचपीट मरम्मत,मुत्रालय का निर्माण व मरम्मत और जल जीवन और हरियाली योजना का कार्य करने के लिए साढ़े सात लाख तक की योजनाओं को स्वीकृति देने की शक्ति अंचलों के कार्यपालक पदाधिकारी को भी दे दी गई है.



अब पार्षद भी अपने वार्ड के विकास के लिए एक करोड़ रुपए तक की योजनाओं का चयन कर सकेंगे. सांसदों को अपने संसदीय क्षेत्र में विकास योजना मद में पांच करोड़ सालाना और विधायकों को तीन करोड़ रुपए सालाना खर्च करने का प्रस्ताव भेजने का अधिकार है.



फिलहाल पार्षदों को भी यह अधिकार साल 2021 के लिए दिया गया है. आगे इस योजना को जारी रखा जाएगा या नहीं इस पर अभी कोई ठोस निर्णय नहीं हुआ है. निगम प्रशासन का कहना है कि फंड की उपलब्धता के आधार पर आगे के फैसले किए जाएंगे.फिलहाल पार्षदों को जो एक करोड़ रुपए दिए जाने हैं उन राशियों की व्यवस्था होल्डिंग टैक्स, स्टांप ड्यूटी, यूजर टैक्स की वसूली से की जाएगी.



पार्षद जिन योजनाओं को चयनित कर प्रस्ताव निगम प्रशासन को भेजेंगे उसकी जांच कराने और विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार करने के लिए प्रशासनिक स्वीकृति दिलाई जाएगी. मेयर की माने तो योजनाओं को प्रशासनिक स्वीकृति देने के साथ ही इस मद में 40 फीसदी राशि जारी की जाएगी, इसके बाद काम पूरा होने पर बाकी की राशि जारी की जाएगी.