बिहारः कोर्ट ने फिर सुनाया अनोखा फैसला, '5 बच्चों को 6 माह तक मुफ्त में देना होगा आधा-आधा लीटर दूध'
Court Unique Decision: मामला मधुबनी का है. मारपीट में शिवजी मिश्र व अशोक मिश्र बीते मार्च से न्यायिक हिरासत में थे. कोर्ट में उनके ओर से नियमित जमानत याचिका दाखिल की गई थी.
मधुबनी: झंझारपुर व्यवहार न्यायालय के एडीजे अविनाश कुमार प्रथम की कोर्ट ने गुरुवार को एक और अनोखा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने मारपीट के मामले के दो अभियुक्तों को इस शर्त पर जमानत दी है कि वे छह माह तक महादलित परिवार के पांच बच्चों को आधा-आधा लीटर दूध मुफ्त में देंगे.
अभियुक्तों के अधिवक्ता परशुराम मिश्रा के अनुसार लखनौर आरएस ओपी क्षेत्र कांड संख्या 32/2021 के भगवान कुमार झा ने आरोपित शिवजी मिश्रा व अशोक मिश्रा सहित चार पर मारपीट कर चाकू से जख्मी करने का आरोप लगाया था. मामले में शिवजी मिश्र व अशोक मिश्र बीते मार्च से न्यायिक हिरासत में थे. कोर्ट में उनके ओर से नियमित जमानत याचिका दाखिल की गई थी. कोर्ट में बहस के दौरान दोनों अभियुक्तों के बारे में गाय पालने की जानकारी एडीजे को मिली.
कोर्ट को अभियुक्त शिवजी मिश्रा के तीन गाय पालने व अशोक मिश्र के दो गाय पालने की जानकारी हुई. यह जानकारी मिलने के बाद एडीजे ने शिवजी मिश्र को तीन महादलित परिवारों के बच्चों को आधा-आधा लीटर दूध मुफ्त में देने की शर्त पर जमानत दी. इसके अलावा अशोक मिश्र को भी दो दलित परिवारों के पांच साल से कम उम्र के बच्चों को आधा-आधा लीटर दूध छह माह तक प्रतिदिन मुफ्त में देने का आदेश दिया. साथ ही दस-दस हजार के दो जमानतदार पर दोनों को जमानत दी. साथ ही दूध देने का प्रमाण पत्र मुखिया, सरपंच, वार्ड सदस्य या विधायक से लेकर कोर्ट में जमा करने का निर्देश भी दिया.
तीन दिन में तीन अनोखे फैसले
झंझारपुर व्यवहार न्यायालय के एडीजे अविनाश कुमार प्रथम की कोर्ट ने पहले भी अनोखे फैसले सुनाए हैं. बीते 21 सितंबर को छेड़खानी के मामले में अभियुक्त को छह माह तक गांव की सभी महिलाओं के कपड़े साफ करने की शर्त पर जमानत मिली थी. वहीं 22 सितंबर को एडीजे ने एक आरोपित को फलदार पेड़ लगाने के शर्त पर जमानत दी थी. साथ ही 23 सितंबर को महादलित परिवार के बच्चों को मुफ्त आधा-आधा लीटर दूध देने की शर्त पर जमानत दी गई है.
यह भी पढ़ें-