बिहार: सदर अस्पताल की इंजरी रिपोर्ट को कोर्ट ने बताया फर्जी, डॉक्टर पर कार्रवाई का दिया आदेश
कोर्ट ने सुनवाई करते हुए स्वास्थ्य विभाग के जख्म प्रतिवेदन पर तल्ख टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा कि डॉक्टर इस तरह से अपनी ड्यूटी में लापरवाही करते हुए फर्जीवाड़ा क्यों करते हैं.
गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज जिले के मॉडल सदर अस्पताल में डॉक्टर द्वारा जख्म प्रतिवेदन में फिर से फर्जीवाड़ा किए जाने का मामला सामने आया है. इस बार डॉक्टर के फर्जीवाड़े पर कोर्ट ने कड़ा एक्शन लिया है. कोर्ट ने जेल में बंद अभियुक्त को जमानत देते हुए डॉक्टर के विरुद्ध कार्रवाई करने का आदेश स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव और डीएम को दिया है.
रिपोर्ट पर कोर्ट ने की तल्ख टिप्पणी
तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश दिनेश कुमार की कोर्ट ने शुक्रवार को इस मामले में सुनवाई करते हुए स्वास्थ्य विभाग के जख्म प्रतिवेदन पर तल्ख टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा कि डॉक्टर इस तरह से अपनी ड्यूटी में लापरवाही करते हुए फर्जीवाड़ा क्यों करते हैं.
कोर्ट ने सदर अस्पताल में इलाज कराने वाले चिकित्सा पदाधिकारी डॉ.इरशाद अहमद के द्वारा दिए गए जख्म प्रतिवेदन पर कहा कि 16 दिन पहले गहरा जख्म दिखाया गया था. लेकिन उसी डॉक्टर के द्वारा बाद में जख्म प्रतिवेदन साधारण क्यों दिया गया. कोर्ट ने इस मामले में जेल में बंद अभियुक्त मांझा थाने के छवहीं खास गांव के मृत्युंजय कुमार को जमानत दे दी.
डॉक्टर ने दी सफाई
कोर्ट में चिकित्सा पदाधिकारी डॉ.इरशाद अहमद ने अपनी दलील पेश करते हुए कहा कि इमरजेंसी वार्ड में इलाज के दौरान क्राउड (भीड़) था. इसलिए पहला जख्म प्रतिवेदन गलत हो गया. बाद में सुधार कर दूसरा जख्म प्रतिवेदन कोर्ट को दिया गया. हालांकि, कोर्ट ने डॉक्टर के इस दलील को नहीं माना.
क्या है पूरा मामला?
मांझा थाने के छवहीं खास गांव में हुए मारपीट के मामले में गुड्डु सिंह की पत्नी संगीता देवी ने 21 फरवरी 2021 को अपने गांव के ही मंजू सिंह, कल्याण सिंह, मृत्युंजय कुमार व रजनीश कुमार के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें चाकू व कुल्हाड़ी से हमला घायल करने का आरोप था. पुलिस ने इसी मामले में मृत्युंजय कुमार को 23 जुलाई को गिरफ्तार किया था. जमानत के लिए मृत्युंजय के अधिवक्ता ने कोर्ट में अर्जी दी थी.
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