मोतिहारी: बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के रक्सौल में कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए हजारीमल उच्च विद्यालय को कोविड डेडिकेटेड अस्पताल के रूप में परिणत गया है. आज से यहां मरीजों का इलाज शुरू कर दिया जाएगा. इस अस्पताल में ऑक्सीजन युक्त बेड की सुविधा होगी. इस बात की जानकारी कोरोना काल में मंगलवार को रक्सौल पीएचसी पहुंचे पश्चिमी चंपारण सांसद सह बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और पेशे से डॉक्टर संजय जायसवाल ने दी है.
निजी अस्पतालों में जारी है इलाज
संजय जायसवाल ने बताया कि ये निर्णय स्थानीय विधायक प्रमोद सिन्हा, जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक और सिविल सर्जन के साथ मिलकर लिया गया है. उन्होंने कहा कि वैसे तो शहर के निजी नर्सिंग होम, एसआरपी हॉस्पिटल, लक्ष्मीपुर में 33 बेड और डंकन हॉस्पिटल में 10 बेड उपलब्ध हैं, जहां बेड खाली हैं और इलाज भी किया जा रहा है. लेकिन इन हॉस्पिटलों में सरकार और जिलाधिकारी द्वारा तय हुई राशि देनी पड़ती है.
कोरोना का है यह पीक सीजन
उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे लोग हैं, जिन्हें पैसों का अभाव है. उन लोगों के लिए यह काफी बेहतर होगा. वहीं, डॉक्टर होने के नाते उन्होंने कहा कि अभी जरूरत है लोगों के घर में रहने की. जरूरी काम से बाहर निकलें तो मास्क का प्रयोग अवश्य करें. उन्होंने कहा कि श्राद्ध कर्म यदि होता है, तो केवल घर के लोग ही शामिल हों, किसी को बुलाएं नहीं. शादी में भी यही होना चाहिए, अन्यथा 2 महीने के लिए शादी टाल दें, क्योंकि अभी कोरोना का यह पीक सीजन है.
संजय जायसवाल ने यह भी कहा कि अभी जो रेमडेसिविर दवा चल रही है, वह कुछ समय तक आपकी मदद कर सकता है, लेकिन मृत्यु से बचाने का काम नहीं कर सकती है. इसलिए 2 गज दूरी, मास्क पहनने के नियम का पालन करें. घर में रहें और सुरक्षित रहें.
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