मुंगेरः धरहरा प्रखंड की अजीमगंज पंचायत के मथुरा गांव में गुरुवार की रात 10 से 12 की संख्या में हथियारों से लैस होकर पहुंचे नक्सलियों ने मुखिया परमानंद टुडू की गला रेतकर हत्या कर दी. परमानंद टुडू को उसके घर से सौ मीटर की दूरी पर ले जाकर इस घटना को अंजाम दिया गया है. देर रात सूचना के बाद पुलिस की टीम पहुंची और शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए मुंगेर सदर अस्पताल भेज दिया. घटना के पीछे चुनावी रंजिश की बात कही जा रही है. हत्या कर लाल सलाम जिंदाबाद का नारा लगाते हुए नक्सली जंगलों की ओर चले गए. पुलिस नक्सलियों की को पकड़ने के लिए जंगलों में छापेमारी कर रही है.
इस पूरी घटना को लेकर मृतक परमानंद टुडू के पुत्र अभिषेक ने कहा कि रात में 10-12 की संख्या में वर्दी पहने नक्सली अत्याधुनिक हथियारों से लैस होकर घर पहुंचे थे. इस दौरान उसके पिता से कहा कि मुखिया बन गए, इस जीत की खुशी की पार्टी नहीं दोगे. खसी का मीट नहीं खिलाओगे. उसके पिता ने पार्टी देने की बात कही. इसके कुछ देर बाद नक्सली परमानंद को घर से करीब सौ मीटर दूर ले गए. इसके बाद नक्सलियों ने बिजली ट्रांसफार्मर से गांव की लाइट काट दी और परमानंद की गला रेतकर हत्या कर दी.
नक्सलियों के आने का हो गया था अहसास
इधर, मृतक के परिजन और ग्रामीणों ने कहा कि देर रात जब गांव में कुत्ता तेज आवाज में भौंकने लगा तो लोग सहम गए. इसका अंदाजा भी लग गया था कि कोई बाहरी गांव में आ गया है. जब लोग घर की खिड़की से झांके तो देखा कि वर्दी पहने कुछ लोग परमानंद टुडू के घर पर पहुंचे हैं. इसके कुछ देर बाद लाइट कट गई. बाद में लाइट आई तो पता चला कि परमानंद की गला रेतकर हत्या कर दी गई है. इसके बाद गांव में कोहराम मच गया.
पिता ने कहा- पहले भी नक्सलियों ने दी थी धमकी
मृतक के पिता श्यामसुंदर टुडू रेलवे से रिटायर्ड हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि उनके दो बेटे हैं. बड़ा बेटा सेना में है. छोटा बेटा परमानंद टुडू था जो गांव में ही रहता था और खेती करता था. लगातार दो बार से मुखिया के लिए प्रयास कर रहा था. 2016 में भी मुखिया के लिए चुनाव में खड़ा हुआ था. उस समय भी नक्सलियों ने धमकाया था. उस समय भी परमानंद चुनाव लड़ा लेकिन हार गया था.
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