Martyr Ajay Kumar Last Rites In Madhubani: मधुबनी के सीआरपीएफ जवान अजय कुमार झा की अंतिम विदाई राजकीय सम्मान के साथ हुई, इसके साथ ही वो पंचतत्व में विलीन हो गए. मधेपुर प्रखंड के बांकि गांव निवासी शाहिद सीआरपीएफ के जवान अजय कुमार झा मणिपुर में उग्रवादियों के हमले में रविवार को शहीद हो गए थे. सोमवार (15 जुलाई) की देर रात उनका शव उनके गांव पहुंचा, जहां मंगलवार को उनके बड़े बेटे ने शव को मुखाग्नि दी. सैनिक सम्मान के साथ हुए अंतिम संस्कार के वक्त सीआरपीएफ के वरीय अधिकारियों, बिहार सरकार में मंत्री शीला मंडल, सांसद रामप्रीत मंडल, जिले के डीएम एवं एसपी की सहित कई नेता, ग्रामीण और आला अफसर मौजूद थे.


रो-रो कर बेहोश हो रही शहीद की पत्नी


सीआरपीएफ जवान अजय कुमार झा का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ मंगलवार सुबह उनके पैतृक गांव मधेपुर थाना क्षेत्र के बांकी में किया गया. उनके बड़े बेटे के मुखाग्नि दिए जाने से पूर्व, सीआरपीएफ के आलाधिकारियों, जवानों एवं प्रशासन के अधिकारियों ने उन्हें सैनिक सम्मान दिया. शहीद अजय कुमार झा की पत्नी अन्नू देवी अपने बच्चों के साथ सीआरपीएफ कैंप झपहां से घर पहुंची थीं. घर पर बार-बार वो रो-रो कर बेहोश हो रही थीं. परिजन उन्हें थामने में लगे थे. शहीद जवान के सगे संबंधी भी अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे हुए थे.  


प्राप्त जानकारी के अनुसार अजय कुमार झा असम के डिब्रूगढ़ में 20 बीएन सीआरपीएफ में कार्यरत थे, जहां से पांच दिन पहले ही उनकी टीम को मणिपुर के जिरीबाम भेजा गया था. जिरीबाम थाने से आठ किलोमीटर दूर मोंगबुंग में हथियार बंद संदिग्ध उग्रवादियों ने उनकी टीम पर पहाड़ पर से हमला कर दिया और उग्रवादी जंगल में फरार हो गए. सिर में गोली लगने से अजय कुमार झा शहीद हो गए, जबकि घटना में अन्य दो ऑफिसर जख्मी हो गए.


उल्लेखनीय है कि मैतयी और कूकी समुदाय के बीच जातीय हिंसा की आग में मणिपुर एक साल से जल रहा है, जिसमें भारतीय जवान शहीद होते जा रहे हैं. शहीद अजय के पिता हरिश्चंद्र झा ने कहा कि अजय गुवाहाटी में पिछले एक साल से पोस्टेड थे, मुझे बताया गया अजय किसी ऑपरेशन में मणिपुर गए थे. वहां जब वह गाड़ी चला रहे थे, उसी दौरान आतंकियों की चलाई गई गोली उनके सिर में आकर लगी और उनकी वहीं मृत्यु हो गई. रविवार को करीब 10 बजे मुझे फोन से अजय के शाहिद होने की सूचना दी गई. मेरे दो बेटे में अजय छोटा था. उसको एक लड़का और एक लड़की है. मेरा बड़ा लड़का दिल्ली में नौकरी करता है.


मंत्री शिला मंडल ने कहा परिवार की हर संभव होगी मदद


वहीं अंतिम संस्कार के बाद बिहार सरकार की परिवहन मंत्री शिला मंडल ने कहा कि ये तो मेरे विधानसभा के ही थे. जैसे ही मुझे पता चला कि मेरे क्षेत्र के एक वीर जवान अजय जी शाहीद हो गए हैं हम तुरंत यहां आए. भारत मां के लिए शाहिद हुए अजय जी को मेरा नमन है, मैं हृदय से उनको श्रद्धासुमन अर्पित करती हूं. साथ ही मैं ईश्वर से कामना करती हूं की दुःख की इस घड़ी मे भगवान उनके परिवार को सहन करने की शक्ति दें. हम सभी उनके पूरे परिवार के साथ हैं. उनके रिक्त स्थान की पूर्ति कोई नही कर सकता लेकिन अगर किसी भी प्रकार की कोई भी जरूरत होगी तो हम परिवार की हरसंभव मदद करेंगे.


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