सुपौल: बिहार में चयनित शिक्षक अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने की प्रक्रिया बुधवार से शुरू कर दी गई है. हालांकि, नियुक्ति पत्र मिलने के बाद ज्वाइनिंग से पहले शिक्षकों को कई तरह के कागजात जमा करने हैं, जिसको लेकर वे विभिन्न सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं. विभाग द्वारा नवनियुक्त शिक्षकों से मेडिकल रिपोर्ट भी मांगी गई है. ऐसे में विभिन्न जिलों में सीएस कार्यालय के बाहर शिक्षकों की भीड़ लग रही है. हालांकि, इस बात से अधिकारी काफी परेशान हो गए हैं. ऐसे में वो बेतुके बयान दे रहे हैं.
नवनियुक्त शिक्षकों को कहा जंगली
ताजा मामला प्रदेश के सुपौल जिले का है, जहां के प्रभारी सीएस ने नव नियुक्त शिक्षकों को जंगली करार दिया है. दरअसल, नव नियुक्त शिक्षक मेडिकल जांच के लिए सदर अस्पताल के सीएस कार्यालय पहुंचे थे. हालांकि, सुबह के आठ बजे से लाइन में खड़े रहने के बावजूद जब उनका नंबर नहीं आ रहा था तो वे लाइन तोड़ कर अपना काम कराने का प्रयास करने लगे. ऐसे में प्रभारी सीएस भड़क गए और उन्हें जंगली करार दिया.
इधर, नव नियुक्त शिक्षकों का कहना है कि सीएस कार्यालय में अराजकता का माहौल है. ना लाइन में लगने का कोई सिस्टम है और न ही कोई उनकी समस्या को देखने वाला है. वे सुबह आठ बजे से लाइन में खड़े हैं. पता ही नहीं चल रहा है कि उनका फॉर्म काउंटर पर है या फट गया. वहीं, यूपी से आए एक अभ्यर्थी ने बताया कि सुबह से लाइन में खड़े रहने के बावजूद काम नहीं हुआ.
प्रभारी सीएस ने कही ये बात
ऐसे में जब इस बाबत प्रभारी सीएस मिहिर कुमार वर्मा से पूछा गया तो उन्होंने का कहना है कि उनकी मेडिकल जांच बारीकी से की जाएगी. उनकी पहचान चिन्ह और अन्य चीजें पड़ताल के बाद ही लिखनी है. लेकिन यहां मौजूद शिक्षक जंगली की तरह कर रहे हैं, जिससे काम में परेशानी और देरी हो रही है.
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