बेटी ने दफन की मां की लाश, अंतिम संस्कार के लिए नहीं थे पैसे, पिता की चार दिन पहले हुई थी मौत
कोरोना संक्रमण की वजह से मौत होने के बाद गांव और समाज के लोग भी अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुए. ऐसी स्थिति में मां और बाप का साया सिर पर से उठ जाने के बाद तीन छोटे-छोटे बच्चों ने मिलकर मां के अंतिम संस्कार का बीड़ा उठाया.
अररिया: बिहार के अररिया जिले में कोरोना संक्रमण की वजह से लोगों की मौत का सिलसिला जारी है. इसी क्रम में जिले के रानीगंज में कोरोना संक्रमित होने की वजह से चार दिनों के अंतराल पर दंपति की मौत का मामला सामने आया है. रानीगंज प्रखंड क्षेत्र के बिशनपुर पंचायत में दंपति को कोरोना ने लील लिया, जिसको लेकर स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है. इसकी पुष्टि रानीगंज के पीएचसी प्रभारी और बिशनपुर पंचायत के मुखिया ने भी की है.
इस घटना में सबसे दुखद दृश्य तब देखने को मिला जब मां और बाप का साया सिर पर से उठने के बाद तीन छोटे-छोटे बच्चों को अपनी मां के शव का अंतिम संस्कार करना पड़ा. मृतक की बड़ी बेटी सोनी कुमारी ने पीपीई किट पहनकर अपने मां के शव को गड्ढे में डालकर उनका अंतिम संस्कार किया.
जांच में दोनों पाए गए थे पॉजिटिव
बिशनपुर पंचायत अंतर्गत वार्ड-7 के रहने बीरेंद्र मेहता (40) और उनकी पत्नी प्रियंका देवी (32) ने 28 अप्रैल को फारबिसगंज में कोरोना जांच कराई थी. जांच में दोनों पॉजिटिव पाए गए थे. इसके बाद दोनों का पूर्णिया के निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था. इस बीच बीते सोमवार को इलाज के दौरान बीरेंद्र मेहता की पूर्णिया में मौत हो गई. ऐसे में उनका अंतिम संस्कार पूर्णिया में ही किया गया. जबकि पत्नी प्रियंका देवी की स्थिति गंभीर बनी हुई थी.
पैसों के अभाव में प्रियंका आ गई थी घर
पति की मौत के बाद पत्नी प्रियंका देवी की हालत खराब थी. लेकिन आर्थिक हालात खराब होने की वजह से परिजन बुधवार को प्रियंका को घर ले आए थे. गुरुवार की देर रात उसकी हालत बिगड़ने लगी. आननफानन परिजन उसे पहले रानीगंज रेफरल अस्पताल ले गए. लेकिन वहां से उसे फारबिसगंज कोविड केयर अस्पताल भेज दिया गया. जहां उसकी स्थिति क्रिटिकल होने की वजह से चिकित्सकों ने फौरन उसे मधेपुरा मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया.
मधेपुरा मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाने के दौरान शुक्रवार के अहले सुबह पिपरा के समीप प्रियंका कुमारी ने भी दम तोड़ दिया. बिशनपुर पंचायत के मुखिया सरोज कुमार मेहता ने बताया कि बिशनपुर पंचायत के मधुलत्ता गांव वार्ड-07 निवासी पति बीरेंद्र मेहता और पत्नी प्रियंका देवी 28 अप्रैल को एक साथ बीमार हुए थे. दोनों ने फारबिसगंज में कोरोना की जांच कराया तो पॉजिटिव पाए गए, जिसके सम्पर्क में उनके तीनों बच्चे भी थे.
पीपीई कीट पहनकर मां के शव को दफनाया
शुक्रवार को प्रियंका का शव को गांव लाया गया. कोरोना संक्रमण की वजह से मौत होने के बाद गांव और समाज के लोग भी अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुए. ऐसी स्थिति में मां और बाप का साया सिर पर से उठ जाने के बाद तीन छोटे-छोटे बच्चों ने मिलकर मां के अंतिम संस्कार का बीड़ा उठाया. प्रियंका की बड़ी बेटी सोनी कुमारी ने किसी तरह गड्ढा खोदकर और खुद पीपीई किट पहनकर मां के शव को दफनाकर अंतिम संस्कार किया.
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