रोहतास: बिहार के रोहतास जिले में अवैध खनन को लेकर पिछले कई दिनों से हो रही कड़ी कार्रवाई के बीच बुधवार को रोहतास जिला मुख्यालय स्थित खनन विभाग के खनन इंस्पेक्टर मोहम्मद रेयाजुल हक को खनन विभाग के प्रधान सचिव हरजोत कौर ने निलंबित कर दिया है. साथ ही खनन विभाग के अपर निदेशक संजय कुमार ने इंद्रपुरी थाना क्षेत्र के शंकरपुर बरडीहा घाट पर दोबारा एफआईआर करने का निर्देश दिया है.
बता दें कि 4 दिसंबर को अवैध खनन की सूचना पर बाहर से आई खनन विभाग की टीम ने रोहतास जिला के बिक्रमगंज और डिहरी अनुमंडल स्थित बालू घाटों का निरीक्षण किया था. इस दौरान बालू खनन में काफी गड़बड़ी पाई थी, जिसको देखते हुए विभाग ने बालू खनन का ठेका लेने वाली कंपनी आदित्य मल्टीकॉम के शंकरपुर बरडीहा बालू घाट पर उठाव करने से रोक लगा दिया था.
इधर, रोक के बावजूद शंकरपुर बरडीहा घाट से बालू खनन की प्रक्रिया जारी थी. इसकी सूचना मिलते ही विभाग की टीम सक्रिय हुई और सासाराम निवासी अधिवक्ता रवि कुमार सिंह के आवेदन के बाद बुधवार को खनन इंस्पेक्टर मोहम्मद रेयाजुल हक की उक्त कार्यों में संलिप्ता पाते हुए उन्हें निलंबित कर दिया है. खनन इंस्पेक्टर के निलंबन के बाद बालू माफियाओं में हड़कंप मची हुई है.
गौरतलब है कि, पिछले कई महीनों से अवैध खनन को लेकर पटना हाई कोर्ट के वकील सासाराम निवासी रवि कुमार सिंह लड़ाई लड़ते आ रहे हैं. इसको लेकर रवि कुमार ने रोहतास जिला अधिकारी के साथ-साथ खनन पदाधिकारी को लिखित आवेदन भी दिया था. इसके बावजूद जिले के पदाधिकारियों ने कार्रवाई नहीं की. इसके बाद एडवोकेट रवी कुमार सिंह ने खनन विभाग व ठेका कंपनी की मिलीभगत से अवैध बालू खनन को लेकर खनन विभाग के सहायक निदेशक एवं प्रमुख सचिव तक आवेदन लिखा, जिसके आलोक में विभाग ने 4 दिसंबर को कार्रवाई करते हुए ठेका कंपनी आदित्य मल्टीकॉम को दोषी मानते हुए 63 लाख रुपये का जुर्माना किया.
रवि कुमार सिंह बताते हैं कि अवैध बालू का खानन मसला नहीं है, मसला है पर्यावरण को क्षति पहुंचाना. उन्होंने कहा कि अवैध बालू खनन से पर्यावरण को भी क्षति हो रही है क्योंकि ठेका कंपनी विभाग की मिलीभगत से मानक के अनुसार कार्य नहीं करते हुए खनन कर रहे हैं, जिससे नदी किनारे रहने वाले लोगों के साथ-साथ पर्यावरण को भी क्षति हो रही है.