Samrat Choudhary: बिहार के उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता सम्राट चौधरी ने सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के सामने उनके कार्यकाल पर एक तरह से सवाल उठा दिया है. शिक्षकों की बहाली को लेकर सम्राट चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार 2005 में जब मुख्यमंत्री बने थे उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा था कि जो बीएड किए हुए साथी हैं वो डिग्री लाएंगे और उनको नौकरी देने का काम करेंगे, लेकिन उस समय क्वालिटी को नहीं देखा गया, क्वांटिटी को देखा गया था.


सम्राट चौधरी ने यह बयान तब दिया जब उनके साथ खुद नीतीश कुमार भी मौजूद थे. बीते बुधवार (20 नवंबर) को नियोजित शिक्षक जो सक्षमता परीक्षा पास कर विशिष्ट शिक्षक बने हैं उनको नियुक्ति पत्र दिया जा रहा था. इस मौके पर सम्राट चौधरी ने अपने संबोधन में यह बड़ी बात कह दी. अपने भाषण में नीतीश कुमार के सामने ही तारीफ के साथ-साथ उन्होंने आलोचना भी कर दी.


'कल तक क्वांटिटी था... आज क्वालिटी है'


सम्राट चौधरी ने कहा कि 2005 से 2020 तक बिहार में लगभग 4 लाख शिक्षकों की बहाली हुई. उनको डिग्री लेकर नौकरी देने का काम किया गया. बाद में 2010-11 से टीईटी (TET) और एसटीईटी (STET) की परीक्षा शुरू हुई. इसके माध्यम से बहाली करने का काम किया गया, लेकिन मैं यह कहना चाहूंगा कि कल तक क्वांटिटी था आज क्वालिटी है. अब क्वालिटी के साथ बिहार के बच्चों का भविष्य आगे बढ़ाने का काम किया जा रहा है.






सम्राट के बयान से तेज हुई सियासी हलचल


अब बयान देकर सम्राट चौधरी ने 2005 से लेकर 2020 तक के नीतीश कुमार के शासनकाल पर एक तरह से सवाल उठा दिया है. हालांकि 2005 से लेकर 2013 तक बीजेपी नीतीश कुमार के साथ थी. उसके बाद 2017 से अगस्त 2022 तक भी बीजेपी साथ रही. अब करीब सात-आठ महीने पहले से फिर बीजेपी और नीतीश कुमार बिहार की सत्ता में हैं. सम्राट चौधरी के इस बयान से अब ऐसा लग रहा है कि कुछ कार्यों का बीजेपी भी श्रेय लेना चाहती है. सम्राट चौधरी के बयान से सियासी गलियारे में हलचल तेज हो गई है.


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