Bihar Crime News: सबूत के अभाव में कोर्ट ने हाल ही में दो केस में ऐसे फैसले सुनाए कि बिहार पुलिस की कार्यशैली सवालों के घेरे में है. एक तरफ सबूत के अभाव में इंडिगो के मैनेजर रुपेश सिंह की हत्या के आरोपित बरी कर दिए गए तो वहीं दूसरी ओर अनंत सिंह को भी एके-47 एवं हैंड ग्रेनेड और बुलेट प्रूफ जैकेट के मामले में बरी कर दिया गया. ऐसे में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं कि रुपेश सिंह की हत्या किसने की? अनंत सिंह के घर एके-47 कैसे पहुंचा? इस पर बिहार के डीजीपी आलोक कुमार ने जवाब दिया है.


बीते शुक्रवार (06 सितंबर) को इस सवाल पर कि अनंत सिंह के यहां से एके-47 बरामद किया गया था, उस वक्त बाढ़ की एएसपी लिपि सिंह थीं. उन्होंने हथियार बरामद किया था. बाद में हाई कोर्ट ने अनंत सिंह को बरी कर दिया. ऐसे में क्या लिपि सिंह से पुलिस मुख्यालय इस बात की जानकारी लेगी? इसी तरह रुपेश सिंह की हत्या के आरोपित बरी कर दिए गए. इन दोनों मामलों पर डीजीपी आलोक राज ने कहा, "सर्वप्रथम तो न्यायालय के आदेश का सम्मान किया जाएगा. इस बिंदु पर विधिक परामर्श प्राप्त कर विचार किया जाएगा कि क्या करना चाहिए." 


...और सबूतों के अभाव में बरी हो गए अनंत सिंह


14 अगस्त को पटना हाई कोर्ट ने सबूतों के अभाव में दो अलग-अलग केस में मोकामा के पूर्व विधायक और बाहुबली नेता अनंत सिंह को बरी किया था. एक मामला बाढ़ के लदमा स्थित उनके घर से बरामद एके-47 और हैंड ग्रेनेड का था, जबकि दूसरा मामला पटना में सरकारी आवास से बुलेट प्रूफ जैकेट की बरामदगी का था. ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि पूर्व विधायक अनंत सिंह के घर से जो एके-47 मिला वो किसका था? उनका नहीं था तो कैसे उनके घर पर दिखाया गया? साक्ष्य के अभाव में वो बरी तो हो गए लेकिन सवाल कई हैं जो पुलिस के पास नहीं है.


बता दें कि इंडिगो के मैनेजर रुपेश सिंह की भी पटना में गोली मारकर हत्या की गई थी. इस मामले में मुख्य आरोपी ऋतुराज, सौरव कुमार, जय शंकर और आर्यन जायसवाल को पटना सिविल कोर्ट ने 6 अगस्त को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया. करीब तीन साल तक ये सभी जेल में रहे. कोर्ट के फैसले के बाद फिर सवाल उठता है कि जब इन्होंने हत्या नहीं की तो रुपेश सिंह के हत्यारे कौन हैं?


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