बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राज्य में बढ़ते अपराध को लेकर हुई बड़ी बैठक के बाद अब डीजीपी आलोक राज ने भी मंगलवार (24 सितंबर) को पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की. उन्होंने अपनी पूरी टीम को समझाते हुए बताया कि किन पांच तरीकों से अपराध को रोका जा सकता है. इस बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी जिलों और क्षेत्रीय पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए.
बिहार पुलिस महानिदेशक आलोक राज की अध्यक्षता में मुजफ्फरपुर में हुई इस महत्वपूर्ण बैठक में विधि-व्यवस्था संधारण, अपराध नियंत्रण और आगामी त्योहारों के मद्देनजर पुलिस की तैयारियों की समीक्षा की गई. पुलिस महानिदेशक ने अपराध नियंत्रण के लिए पांच प्रमुख बिंदुओं पर काम करने की जरूरत पर बल दिया. इनमें रोकथाम, पूर्वानुमान, पता लगाना, अभियोजन और धारणा शामिल हैं. उन्होंने कहा कि अपराधों की रोकथाम प्राथमिकता होनी चाहिए और अगर अपराध होते हैं, तो उनका जल्द पता लगाया जाना चाहिए.
गंभीर अपराधों पर कार्रवाई
बैठक में पेशेवर अपराधों जैसे लूट, डकैती, रंगदारी, अपहरण और संगठित अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत पर बल दिया गया. साथ ही साइबर अपराध, भू-माफिया, शराब और रेत माफिया पर भी कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए गए। जनता के बीच पुलिस की छवि सुधारने के लिए जन शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई की जरूरत बताई गई.
विभागीय कार्यों की समीक्षा
बैठक में अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने भी अपने प्रभागों की कार्यवाहियों का ब्यौरा प्रस्तुत किया. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) जितेन्द्र सिंह गंगवार ने जिलों से लंबित विभागीय कार्रवाई के शीघ्र निस्तारण पर जोर दिया. आगामी त्यौहारों के दौरान शांति एवं सुरक्षा बनाए रखने की तैयारी के लिए इस बैठक को महत्वपूर्ण माना जा रहा है, ताकि आमजन में सुरक्षा की भावना को मजबूत किया जा सके.
त्योहारों को लेकर निर्देश
बैठक में आगामी त्योहारों को ध्यान में रखते हुए पुलिस की सतर्कता और सुरक्षा व्यवस्था पर चर्चा की गई. पुलिस महानिदेशक ने सांप्रदायिक घटनाओं पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने के निर्देश दिए. साथ ही वार्डों में संदिग्ध गतिविधियों पर लगातार नजर रखने की जरूरत बताई. उन्होंने सभी पुलिस अधिकारियों से अपने क्षेत्र में नेतृत्व की भूमिका निभाने और कनिष्ठ अधिकारियों का मार्गदर्शन करने की अपील की.
छह 'एस' का मंत्र
पुलिस महानिदेशक ने अपने पूर्व के छह 'एस' के मंत्र को दोहराते हुए कहा कि अपराधों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए समय, सार्थकता, संवेदनशीलता, शक्ति, सत्यनिष्ठा और त्वरित सुनवाई बहुत जरूरी है. पुलिस की हर कार्रवाई को इन सिद्धांतों के आधार पर सुदृढ़ और प्रभावी बनाया जाएगा.
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