पटना: बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) गुप्तेश्वर पांडेय ने मंगलवार को अचानक वीआरएस ले लिया. पांडेय को पिछले साल बिहार का पुलिस महानिदेशक बनाया गया था. वे अगले साल फरवरी में रिटायर होने वाले थे. इधर, 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी पांडेय के विधानसभा चुनाव लड़ने की अटकलें भी लगाई जा रही हैं. हालांकि अब तक पांडेय ने इसकी घोषणा नहीं की है.


गुप्तेश्वर पांडेय ने 2009 में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए भी सेवानिवृत्ति ले ली थी, लेकिन बाद में राज्य सरकार ने उनकी वीआरएस याचिका स्वीकार नहीं की और उन्हें पुलिस सेवा में बहाल कर दिया था.


आज सोशल मीडिया पर आएंगे Live
गुप्तेश्वर पांडेय ने शाम 6 बजे अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर लाइव आएंगे. कल देर रात एक ट्वीट कर उन्होंने ये जानकारी दी है. गुप्तेश्वर पांडेय ने ट्वीट कर कहा, 23 सितंबर को शाम 6 बजे अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लाइव आऊंगा. मैसेज के ऊपर एक कैप्शन में लिखा है- मेरी कहानी, मेरी जुबानी...


सूत्रों की मानें तो लाइव के दौरान पांडेय चुनाव संबंधी घोषणाएं कर सकते हैं. सोमवार को ही जब उनसे रिटायरमेंट के बाद राजनीति में जाने के बारे में पूछा गया था तो उन्होंने कहा था, ''क्या रिटायरमेंट के बाद राजनीति में जाना पाप है? कदाचार है? या गलत है? राजनीति के कारण ही कार्यपालिका है, विधायिका है.''






सुशांत सिंह राजपूत के केस को लेकर चर्चा में रहे
गुप्तेश्वर पांडेय हाल ही में अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले में महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार के नीतीश कुमार सरकार पर हमले को लेकर बिहार सरकार के बचाव के लिए सुर्खियों में रहे थे. तभी से यह कयास लगाया जाने लगा था कि पांडेय बिहार में चुनाव लड़ेंगे.


सुशांत मामले में पांडेय ने एख बयान में कहा था, 'सुशांत बिहार का बेटा था. बहुत रहस्मय ढंग से उसकी मौत हुई. मौत होने के बाद उसकी जांच हुई, जिसका कोई नतीजा नहीं निकला और उसको आत्महत्या का मामला घोषित कर दिया गया. 14 जून की घटना 21 जून तक पूरी तरह ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. इधर अभिनेता के बूढ़े पिता एक डेढ़ महीने के बाद हमारे पास आए और बोला कि इसमें बहुत बड़ी साजिश है, जिसके कई लोग जिम्मेवार हैं. फिर उन्होंने पूरी कहानी बताई. उनके बताए हुए स्टेटमेंट के आधार पर बिहार में मुकदमा दर्ज किया गया और फिर बिहार की टीम मुंबई गई. मुंबई जाने पर बिहार के टीम के साथ क्या-क्या हुआ सबको पता है.'


पांडेय राजनीति में आए, तो किस सीट से लड़ सकते हैं चुनाव
गुप्तेश्वर पांडे का बक्सर गृह जिला है. माना जा रहा है गुप्तेश्वर पांडेय बिहार की बक्सर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. पिछले दिनों उन्होंने बक्सर के JDU जिलाध्यक्ष के साथ बंद कमरे में घंटों मुलाकात की थी. जिलाध्यक्ष के साथ सिविल ड्रेस में उनकी एक तस्वीर भी वायरल हुई थी. हालांकि, उन्होंने इस तस्वीर को राजनीति से जोड़ने की बात स्वीकार नहीं की थी. इसके बाद ही उन्होंने वीआरएस ले लिया.


गुप्तेश्वर पांडेय का जीवन परिचय
गुप्तेश्वर पांडे का जन्म 1961 में बक्सर जिले के गेरुआबंध गांव में हुआ था. इंटरमीडिएट के बाद, उन्होंने पटना यूनिवर्सिटी से डिग्री ली. यहां से यूपीएससी के लिए गए और 1987 में आईपीएस अधिकारी बने और उन्हें बिहार कैडर आवंटित किया गया. पांडेय को जनवरी 2019 में बिहार का डीजीपी बनाया गया और बतौर डीजीपी उनका कार्यकाल 28 फरवरी 2021 तक था. यानी कि डीजीपी के तौर पर पांडेय का अभी 5 महीने का कार्यकाल बचा हुआ था.


1986 में वह आइआरएस बने थे. तब वह अपनी इस नौकरी से संतुष्ट नहीं थे, उन्होंने दोबारा यूपीएससी की परीक्षा दी और आइपीएस बने. 31 साल की सेवा में गुप्तेश्वर पाण्डेय एएसपी, एसपी, एसएसपी, डीआइजी, आइजी, एडीजी के रूप में बिहार के 26 जिलों में काम कर चुके हैं.


शराब बंदी कानून को सफल बनाने में पांडेय की अहम भूमिका
बिहार को नशामुक्त बनाने के उद्देश्य से गुप्तेश्वर पांडय ने इस साल अपने नाम से एक वेबसाइट बनवायी है. इस वेबसाइट के जरिए वे अधिक से अधिक युवाओं से जुड़ने की कोशिश में हैं. वेबसाइट में 'ज्वाइन यूथ बिग्रेड' एक भाग बना हुआ है, जिसमें नाम पता, मोबाइल नंबर भर कर युवा उनके साथ जुड़ सकते हैं. इसके अलावा इस वेबसाइट में 'अल्कोहल फ्री सोसाइटी' का भी एक भाग बना हुआ है.


बिहार में पुलिस महानिदेशक बनने से पहले भी ये नशामुक्ति का अभियान चलाते रहे हैं. कहा भी जाता है कि बिहार में शराब बंदी कानून को सफल बनाने में पांडेय अहम भूमिका निभा रहे हैं.


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