(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Bihar News: बिहार के DGP आरएस भट्टी बनाए गए CISF के DG, दलजीत सिंह चौधरी को BSF की कमान
DGP RS Bhatti: बिहार के DGP आरएस भट्टी को CISF के डीजी के पद पर नियुक्त किया गया है. अगले आदेश तक वो इसी पद पर बने रहेंगे. भट्टी 30 सितंबर 2025 को सेवानिवृत्त होने वाले हैं.
DGP RS Bhatti appointed As DG of CISF: कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने बुधवार (28 अगस्त) को गृह मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. बिहार के डीजीपी आरएस भट्टी को सीआईएसएफ के डीजी के पद पर नियुक्त किया गया है. पदभार ग्रहण करने की तिथि से उनकी सेवानिवृत्ति की तारीख 30 सितंबर 2025 तक या अगले आदेश तक वो इस पद पर बने रहेंगे. वहीं दलजीत सिंह चौधरी जो वर्तमान में एसएसबी के महानिदेशक के रूप में कार्यरत हैं, वो अब सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक के पद पर तैनात किए गए हैं. इस पद पर वो कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से 30 नवंबर 2025 को उनकी सेवानिवृत्ति की तारीख तक या अगले आदेश तक बने रहेंगे.
महागठबंधन सरकार में बने थे डीजीपी
बिहार में महागठबंधन सरकार के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की पसंद पर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से भट्टी को वापस बिहार बुलाया गया था. इसी महीने उन्होंने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर लौटने का अनुरोध किया था और तब राज्य की नीतीश कुमार सरकार ने इसकी अनुमति दी. साल 2022 में बिहार की महागठबंधन सरकार ने उन्हें राज्य के डीजीपी की जिम्मेदारी दी थी.
बता दें कि कुछ दिन पहले तेजस्वी यादव ने डीपीजी भट्टी की बेबसी भी बयां की थी. उन्होंने साफ कहा था कि पुलिस प्रशासन की ट्रांसफर-पोस्टिंग मुख्यमंत्री के चाटुकार करते हैं. बिहार में पुलिस विभाग की ट्रांसफर-पोस्टिंग कुछ खास लोग ही करते हैं. इसमें डीजीपी की नहीं सुनी जाती. तेजस्वी यादव जब भी बिहार के अपराध को लेकर सरकार पर निशाना साधते थे, तो नीतीश कुमार का ही नाम लेते थे. डीजीपी को सीधे तौर पर कुछ नहीं कहते थे.
केंद्र सरकार से हरी झंडी का था इंतजार
इस बात की चर्चा पहले से ही थी कि बिहार में डीजीपी आरएस भट्टी अब केंद्र सरकार में सेवा देना चाहते हैं. इसके लिए बिहार सरकार से उन्हें अनुमति भी मिल गई थी, लेकिन वे केंद्र सरकार से हरी झंडी मिलने का इंतजार कर रहे थे. 1990 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी आरएस भट्टी बिहार में अपनी सख्त छवि के लिए जाने जाते हैं. हालांकि अपनी दूसरी पारी में वो सख्त लहजा नहीं दिखा पाए. 2005 में जब बिहार में एनडीए सरकार ने उन्हें केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर बुलाया था, तब उन्होंने आरजेडी के बाहुबली सांसद दिवंगत मोहम्मद शहाबुद्दीन की गिरफ्तारी में अहम भूमिका निभाई थी.
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