(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Bihar News: नवादा में डायरिया का कहर, 30-40 लोग बीमार, अस्पताल में कम पड़ गए बेड
Diarrhea outbreak: कुछ लोगों का इलाज ग्रामीण चिकित्सक घरों पर ही कर रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि हिसुआ में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कोई पहल नहीं की जा सकी है.
Diarrhea outbreak In Nawada: नवादा के हिसुआ के गांधी टोला में डायरिया का प्रकोप काफी बढ़ गया है. स्थानीय लोगों से मिल रही जानकारी के अनुसार गांधी टोला में तालाब के पास बसे लोग डायरिया की चपेट में आ गए हैं. अब तक इससे करीब 30-40 लोग पीड़ित हैं. दर्जन भर से अधिक लोगों को बुधवार (28 अगस्त) को इलाज के लिए सदर अस्पताल नवादा में भर्ती कराया गया है. अन्य कई लोग अपने-अपने घरों और निजी क्लीनिकों में इलाज करवा रहे हैं.
निजी क्लीनिकों में इलाज करवा रहे हैं कई लोग
सदर अस्पताल में टाइगर कुमार, अंजली कुमारी, संदीप, मिनता कुमारी, शांति देवी, गोलू मांझी, मायावती आदि का इलाज चल रहा है. उन लोगों को सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया है. टोले के भरत मांझी ने बताया कि बुधवार की रात बारिश होने के बाद लोगों को उल्टी व दस्त की शिकायतें होने लगी. देखते ही देखते टोले के कई लोग इस बीमारी की चपेट में आ गए, जिसके बाद टोले में दहशत व्याप्त हो गया. बीमार लोगों की स्थिति बिगड़ने के बाद दर्जन भर लोगों को सदर अस्पताल नवादा में भर्ती कराया गया. आर्थिक रूप से संपन्न कई लोग निजी क्लीनिकों में इलाज करवा रहे हैं. कुछ लोगों का इलाज ग्रामीण चिकित्सक घरों पर ही कर रहे हैं.
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि हिसुआ में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कोई पहल नहीं की जा सकी है. सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में मरीजों की संख्या अधिक हो जाने के बाद कुछ डायरिया पीड़ितों को जमीन पर लेटाकर इलाज किया गया, जबकि कुछ बेड पर एक के बजाए दो-तीन मरीज भर्ती रहे. अफरा-तफरी के बीच मरीजों को स्लाइन चढ़ाया जा रहा है, ग्रामीण भरत मांझी ने बताया कि अचानक बड़ी संख्या में लोगों के बीमार पड़ने के बाद टोले में दहशत मच गई. ग्रामीण ने स्वास्थ्य विभाग से टोले में एहतियाती कदम उठाने और मेडिकल टीम भेजने की मांग की है.
क्या है अस्पताल के उपाधीक्षक का कहना?
मिल रही जानकारी के अनुसार, सदर अस्पताल में जिले के कई प्रखंडों से आए डायरिया पीड़ित मरीजों का इलाज किया जा रहा है. सदर प्रखंड समेत रूपौ, कौआकोल, नवादा, गोविंदपुर आदि जगहों से मरीज सदर अस्पताल में अपना इलाज करा रहे हैं. माना जा रहा है कि मौसम में उतार-चढ़ाव के कारण लोग इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. नवादा सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ अजय कुमार ने कहा कि फिलहाल हमारे पास 29 मरीज भर्ती हुए हैं. बेड की कुछ कमियां हैं जो काफी दिन से मरीज हैं, उसे दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया जा रहा है. इमरजेंसी वार्ड में ज्यादा बेड नहीं है, जिस कारण थोड़ी परेशानी है.
पाचन से जुड़ी समस्या है डायरिया
डायरिया (अतिसार या दस्त) एक पाचन समस्या है, जिसमें व्यक्ति को बार-बार पतला, पानी जैसा मल त्याग होता है. यह एक लक्षण है, न कि स्वयं एक रोग, और इसके कई संभावित कारण हो सकते हैं। डायरिया, जिसे हिंदी में दस्त या अतिसार कहा जाता है, एक सामान्य पाचन समस्या है, जिसमें व्यक्ति को बार-बार पतला, पानी जैसा मल त्याग होता है. यह एक लक्षण है, न कि स्वयं एक रोग, और इसके कई संभावित कारण हो सकते हैं. डायरिया आमतौर पर कुछ दिनों में ठीक हो जाता है, लेकिन यदि यह लंबे समय तक बना रहे या गंभीर हो, तो डॉक्टर से परामर्श लेना आवश्यक है.
डायरिया के क्या हैं लक्षण?
डायरिया के लक्षणों में दिन में कई बार पानी जैसा या बहुत ही पतला मल त्याग होना, पेट में अचानक से दर्द होना या ऐंठन महसूस होना, उल्टी आना या मतली महसूस होना, शरीर का तापमान बढ़ना और बुखार आना, खासकर बच्चों में तेजी से वजन घट जाना, शरीर में ऊर्जा की कमी महसूस होना और थकावट महसूस होना, मल में खून या मवाद का दिखना, जो कि गंभीर संक्रमण या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता हैं. शरीर में पानी की कमी होना जिससे प्यास बढ़ जाती है. निर्जलीकरण के अन्य संकेतों में मुंह का सूखना, आंखों का धंसा हुआ दिखना और पेशाब की कमी शामिल है.
डायरिया से बचाव के उपाय
खाना बनाने और खाने से पहले और बाद में हाथ धोएं, टॉयलेट के बाद हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह से धोएं।
किसी बीमार व्यक्ति की देखभाल करने के बाद हाथ धोएं, हमेशा स्वच्छ और फिल्टर किया हुआ पानी पीएं, उबला हुआ पानी पीना भी सुरक्षित होता है, पानी के स्रोत को स्वच्छ रखें और उसे दूषित होने से बचाएं, ताजे और साफ-सुथरे फल और सब्जियों का सेवन करें. खाना बनाने से पहले सभी खाद्य पदार्थों को अच्छी तरह से धो लें. मांस और अंडे को अच्छी तरह से पकाएं. बासी और खराब हो चुके खाद्य पदार्थों का सेवन न करें, बच्चों को रोटावायरस संक्रमण से बचाने के लिए रोटावायरस वैक्सीन लगवाएं, साफ कपड़े पहनें और साफ-सुथरे बिस्तर का उपयोग करें, प्रोबायोटिक्स सप्लीमेंट्स या खाद्य पदार्थ (जैसे दही) का सेवन करें, जो आंतों में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा देते हैं.
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