आरा: बिहार में कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए राज्य सरकार ने स्वास्थ्यकर्मियों के किए अलर्ट जारी कर दिया है. बिहार के सभी अस्पतालों को तैयार रहने को कहा है. लेकिन स्वास्थ्यकर्मी सरकारी आदेश का पालन नहीं कर रहे. इतनी मुश्किल परिस्थिति होने के बावजूद डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी लापरवाही बरत रहे हैं. ताजा मामला बिहार के आरा जिले के सदर अस्पताल का है, जहां एमरजेंसी वार्ड में नाइट ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर नदारद दिखे.
कोरोना संक्रमित होने की वजह से नहीं पहुंचे अस्पताल
ऐसे में रात 10:00 बजे के बाद सदर अस्पताल में आने वाले मरीजों को पूछने वाला कोई नहीं दिखा. अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ के अलावा ऑन ड्यूटी डॉक्टर भी नदारद दिखे. अस्पताल में मौजूद लोगों ने बताया कि मंगलवार की रात 10:00 बजे से डॉ.आरके मंडल की ड्यूटी थी. लेकिन वह कोविड संक्रमित हो गए हैं, इसलिए ड्यूटी पर नहीं पहुंचे.
डॉक्टर के कोरोना संक्रमित होने और अस्पताल में मौजूद ना होने की खबर से सदर अस्पताल प्रशासन बेखबर दिखा. डॉक्टर की गैरमौजूदगी में कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई थी. अस्पताल प्रबंधक की लापरवाही के कारण कई मरीजों की जान खतरे में थी.
अगिआंव विधायक ने डीएम से की बात
इधर, आधी रात जब अगिआंव विधायक मनोज मंजिल किसी मरीज के परिजन के फोन करने पर अस्पताल पहुंचे, तो वह भी डॉक्टर को अनुपस्थित पाकर हैरान हो गए. उन्होंने तुरंत जिलाधिकारी को फोन कर पूरे मामले की जानकारी दी, तब जाकर रात के 2 बजे के बाद सदर अस्पताल में आरा पीएचसी से डॉक्टर पहुंचे. इसके बाद अस्पताल में कुछ लोगों का इलाज शुरू हो सका.
डॉक्टर के नहीं रहने से मरीज के परिजनों में हाहाकार मचा हुआ था क्योंकि जिले के सभी प्रसिद्ध डॉक्टर अपनी-अपनी क्लीनिक बंद कर चुके हैं. लगभग 28 लाख से ज्यादा आबादी वाले भोजपुर जिले के लोग सिर्फ सदर अस्पताल के भरोसे जी रहे हैं. ऐसे में सदर अस्पताल की ऐसी व्यवस्था से लोग परेशान हैं.
जिलाधिकारी ने दिया था ये आदेश
मरीजों के परिजनों ने कहा कि उन्हें देखने वाला कोई नहीं है. डॉक्टर सिर्फ एक बार देखते हैं. उसके बाद कोई भी पूछने के लिए नहीं आता है. बता दें कि भोजपुर जिलाधिकारी रौशन कुशवाहा ने दो दिन पहले सदर अस्पताल का दौरा किया था.
इस दौरन उन्होंने जिले में कोविड-19 से संक्रमित मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए अस्पताल के पदाधिकारियों को निर्देश दिया था कि, संक्रमित व्यक्तियों के लिए सदर अस्पताल में स्थापित डेडीकेटेड कोविड हेल्थ केयर सेंटर में एसओपी के अनुसार सभी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. इस बाबत चिकित्सा व्यवस्था कोषांग का गठन किया गया है, जिसमें पाली वार पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है. इसके बावजूद ऐसी लापरवाही सामने आ रही है.
यह भी पढ़ें -
बिहार वापस लौट रहे लोगों के लिए कितनी तैयार है सरकार? CM नीतीश कुमार के मंत्री ने दिया ये जवाब