पटना: केन्द्र सरकार द्वारा आयुर्वेदिक स्नातकों को सर्जरी की अनुमति मिलने के बाद आयुर्वेदिक डॉक्‍टरों को सर्जरी की अनुमति देने के केंद्र सरकार के फैसले का बिहार में एलोपैथिक डॉक्‍टरों ने विरोध करते हुए हड़ताल पर जाने का ऐलान किया हैं. एलोपैथिक डॉक्‍टरों का मानना है कि सर्जरी के लिए जो व्‍यवस्‍था और प्रशिक्षण चाहिए वह आयुर्वेदिक डॉक्‍टर के पास नहीं है. बिहार में एलोपैथिक डॉक्‍टरों के एशोसिएशन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने आयुर्वेदिक डाक्‍टरों को सर्जरी के अयोग्‍य बताते हुए केंद्र के फैसले के खिलाफ आंदोलन करने का मन बना लिया है. इस कड़ी में 8 दिसंबर से आईएमए चरबद्ध आंदोलन शुरू करेगा.दूसरे चरण में 12 दिसंबर को राज्य के डॉक्टर 12 घंटे 'असहयोग आंदोलन' चलाएंगे और मरीजो का इलाज भी नहीं करेंगे. आईएमए से संबद्ध डॉक्टरों के इस आंदोलन को दूसरे मेडिकल एसोसिएशन भी समर्थन कर रहे हैं.



आयुर्वेदिक डॉक्टरों को सर्जरी की अनुमति का आईएमए करेगी विरोध



बिहार में डॉक्टरों का विरोध सरकार के उस फैसले पर है जिसके तहत आयुर्वेदिक डॉक्टरों को भी सर्जरी की अनुमति दी गई है. आयुर्वेदिक डॉक्टरों के पक्ष में केंद्र सरकार ने इसी महीने यह निर्णय लिया है कि आयुर्वेद की डिग्री प्राप्त डॉक्टर भी जनरल और ऑर्थोपेडिक सर्जरी के साथ ही आंख, नाक और गले की सर्जरी कर सकेंगे.
एलोपैथ के डॉक्टरों ने केन्द्र सरकार के इस निर्णय का विरोध किया. डॉक्टरों ने इस विरोध पर केंद्र या राज्य सरकार के स्तर पर कोई समाधान नहीं होते देख अब आंदोलन की राह पकड़ ली हैं. आइएमए के सचिव डॉ. सुनील कुमार ने जानकारी देते हुए कहा कि आंदोलन का फैसला हो चुका है 8 दिसंबर को राज्यभर के सरकारी व गैर सरकारी डॉक्टर एप्रेन पहन स्टेथोस्कोप लटकाकर मार्च करेंगे. सरकार की ओर से अगर इसके बाद भी फैसले पर पुनर्विचार नहीं किया गया तो राज्य के डॉक्टर 12 दिसंबर को 12 घंटे काम ठप करेंगे.