हाजीपुर: डॉक्टरों को भगवान का दर्जा दिया जाता है. लेकिन कुछ ऐसे भी डॉक्टर हैं, जिनके कारनामों से ना केवल स्वास्थ्य महकमे की फजीहत होती है. बल्कि जरूरत के वक्त लाचार और जरूरतमंद लोगों को इलाज तक नहीं मिल पाती है. बिहार के वैशाली जिले में एक ऐसा ही मामला सामने आया है. यहां सरकारी अस्पताल में तैनात डॉक्टरों द्वारा एडवांस में ही अटेंडेंस बनाने का मामला सामने आया है. इस बात के सामने आने के बाद बावल मच गया है. 


जानें क्या है पूरा मामला


पूरा मामला वैशाली के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से जुड़ा हुआ है. यहां प्रभारी सहित चार डॉक्टरों की प्रतिनियुक्ति है. सरकारी आंकड़े और डॉक्टरों की अटेंडेंस वाली रजिस्टर बताती है कि यहां डॉक्टर हर रोज ड्यूटी और मरीजों का इलाज करते हैं. लेकिन बीते 12 फरवरी को स्थानीय प्रमुख जब अपने समर्थकों के साथ अस्पताल पहुंचे और अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों की तलाश की, तब ना तो उन्हें अस्पताल ने प्रभारी डॉक्टर नजर आए. ना ही ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर.


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पूरे अस्पताल में केवल एक महिला डॉक्टर मौजूद मिली. ऐसे में जब प्रमुख और उनके समर्थकों ने अस्पताल में डॉक्टरों की उपस्थिति वाली रजिस्टर देखी, तो पता लगा कि सरकारी अस्पताल के डॉक्टर हाजिरी वाली रजिस्टर में एडवांस में ही अपनी हाजिरी दर्ज करा देते हैं. इस बात के सामने आने के बाद लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया. इधर, अस्पताल का पोल खुलता देख अस्पताल के कर्मी लोगों के सामने हाथ जोड़ते और मामले को रफा दफा करने की मिन्नत करते दिखे. 


सिविल सर्जन ने किया बचाव


इधर, इस संबंध में जब सिविल सर्जन डॉ. अखिलेश कुमार मोहन से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि पूरे मामले की तहकीकात की जा रही है. लेकिन जहां तक मुझे पता है ऐसी कोई बात नहीं है. कुछ जनप्रतिनिधि जांच के लिए गए थे. प्रभारी नाइट ड्यूटी में थे. तो वो सुबह कैसे रहेंगे. डाक्टर ड्यूटी तो करते ही हैं.


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