Chargesheet In Saran Triple Murder Case: बिहार के सारण छपरा के रसूलपुर थाना क्षेत्र में तिहरे हत्या की घटना हुई थी, जिसमें पुलिस अधीक्षक की पहल से काफी तेजी से कांड के अभियुक्तों को चंद घंटों में गिरफ्तार कर लिया गया. साथ ही सारण के पुलिस अधीक्षक डॉ कुमार आशीष ने तेजी से अनुसंधान की कार्रवाई की है. नए कानून में पहला ऐसा मामला है, जिसमें पुलिस की पहल के कारण 14 दिनों में अनुसंधान की कार्रवाई को पूरा किया गया है.
एक परिवार के तीन सदस्यों की हुई थी हत्या
दरअसल 17 जुलाई को सारण छपरा के रसूलपुर थाना क्षेत्र के धानाडीह गांव में एक तरफा प्यार में एक परिवार के तीन सदस्यों की चाकू मार कर हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया था. इस वारदात के बाद पुलिस अधीक्षक डॉ कुमार आशीष ने अपने स्तर से टीम बना कर खुद मामले की लगातार मॉनिटरिंग की. जिस कारण इस पूरे कांड में पुलिस ने अनुसंधान तेजी से करते हुए चार्जशीट दायर कर दिया है. इतना ही नहीं इस घटना के बाद नए क़ानून के तहत पुलिस ने चंद घंटों में घटना में शामिल दो अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया था. इसके साथ ही वैज्ञानिक अनुसंधान करते हुए एफएसएल के लोगों ने साक्ष्य इक्कट्ठा करते हुए अनुसंधान तेजी से किया है.
सारण में नए कानून आने के बाद ये बड़ी घटना हुई थी, इस घटना के बाद सारण पुलिस ने अनुसंधान पूर्ण करते हुए दिनांक 31 जुलाई को न्यायालय में चार्जशीट भी दाखिल कर दी. सारण के पुलिस अधीक्षक डॉ कुमार आशीष के द्वारा जिला एवं सत्र न्यायाधीश पुनीत कुमार गर्ग से त्वरित विचारण करने का अनुरोध भी किया गया है. इस घटना में अनुसंधान संबंधी अनिवार्यता पूर्ण करा ली गई है. त्वरित विचारण से इसमें आरोपियों को जल्द से जल्द सजा दिलवाने लगातार पुलिस ने पहल की है. छपरा के रसूलपुर थाना क्षेत्र के कांड संख्या 133/24 के तहत 17.07.2024 को धारा 103(1)/109/(1)/329(4)/3(5) B.N.S में प्राथमिकी दर्ज की गई है.
क्या कहते हैं सारण के पुलिस अधीक्षक?
इस पूरे मामले पर सारण के पुलिस अधीक्षक डॉ कुमार आशीष ने बताया कि नए कानून के तहत यह पहला मामला है, जिसमें समय से पहले अनुसंधान की कार्रवाई पूरी की गई है. हमारा प्रयास है कि जो भी दोषी हैं, उन पर सख्त कार्रवाई हो जल्द से जल्द पीड़ित परिवार को न्याय मिले. यही पुलिस की कोशिश होगी हमारा भी यही प्रयास है कि आम लोगों का पुलिस पर भरोसा समय के साथ और बढ़े और लोगों पुलिस को सहयोग करने के लिए आगे आएं. इसके साथ ही अपराध नियंत्रण में लोगों का सहयोग मिलता रहे और अपराधियों को सज़ा दिलाई जाए. अपराध पर रोकथाम की दिशा में बेहतर कार्य हो सके.
उन्होंने कहा कि अपराधियों के संबंध में पुलिस को सूचना देना और इसके साथ ही अपराधियों को सजा दिलाना आम लोगों का कर्त्तव्य है. अपराधी पुलिस एवं न्यायालय में गवाहों के जरिए गवाही नहीं देने के कारण दोषमुक्त हो जाते हैं. अपराधियों के विरूद्ध पुलिस को सूचना देकर उनके विरुद्ध गवाही देकर नागरिक, पुलिस और समाज की मदद कर सकते हैं. अपराधियों से खतरा होने की स्थिति में सुरक्षा के लिए गवाह को पुलिस से सम्पर्क करना चाहिए. उन्हें गवाही के लिए न्यायालय में उपस्थित कराने के लिए पुलिस से हर तरह का सहयोग मिलेगा.
एसपी ने बताया कि बिहार सरकार ने Witness Protection Scheme लागू की है. राज्य स्तर पर गवाह सुरक्षा कोषांग (State Witness Protection Cell) का गठन हुआ है. इसके अलावा जिला में गवाह सुरक्षा कोषांग का गठन भी हुआ है. जिला स्तर पर सक्षम प्राधिकार का गठन जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अध्यक्षता में किया गया है. गवाह सुरक्षा योजना में गवाह अपनी सुरक्षा के लिए आवेदन जिला अभियोजन पदाधिकारी को दे सकते हैं. सुरक्षा आकलन प्रतिवेदन (Threat Analysis Report) आने पर पांच दिनों में सक्षम प्राधिकार के जरिए गवाह की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी.
पुलिस के जरिए आवश्यकतानुसार खतरे की स्थिति में सक्षम प्राधिकार के जरिए अन्तरिम सुरक्षा आदेश दिया जाएगा. खतरे के आलोक में गवाह को व्यक्तिगत सुरक्षा आवासीय सुरक्षा पुननिर्वासन संपर्क और पता परिवर्तन की कार्रवाई आवश्यकतानुसार की जाएगी. इसके साथ ही सारण पुलिस अधीक्षक डॉ कुमार आशीष ने बताया है कि अपराध रोकथाम और बेहतर विधि-व्यवस्था संधारण में आम जन सहयोग करें, जानकारी साझा करें कोर्ट में अपना बयान दर्ज करवाएं.
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