Virat Ramayan Mandir: विराट रामायण मंदिर के निर्माण की सभी अड़चनें दूर, बन जाने के बाद PM मोदी करेंगे उद्घाटन
Kishore Kunal: विराट रामायण मंदिर के पास 1.36 लाख वर्ग फुट का शिव गंगा का निर्माण कराया जाएगा, जो अयोध्या से जनकपुर तक बन रहे राम जानकी मार्ग पर अवस्थित रहेगा.
East Champaran, Virat Ramayan Mandir: पटना के महावीर मंदिर के जरिए बनने वाले बिहार के पूर्वी चंपारण स्थित कैथवलिया में देश के सबसे विराट रामायण मंदिर के निर्माण की सभी अड़चने दूर हो गई हैं. इस मंदिर का शिलान्यास पिछले वर्ष ही हुआ था, लेकिन कुछ अड़चन पैदा हो गई थी, जो अब सब कुछ क्लियर हो चुका है. मंदिर के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने आज सोमवार (12 अगस्त) को पूरे खुशी मन से पत्रकारों को बताया कि तीन समस्या बनी हुई थी, जो अब दूर हो गई है.
पर्यावरण विभाग से एनओसी मिला
किशोर कुणाल ने बताया कि सबसे बड़ी समस्या मंदिर बनाने के लिए पर्यावरण विभाग से एनओसी लेना पड़ता है, जिसके लिए हम लोगों ने विभाग को लिखा था. अब राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण ने इसकी मंजूरी प्रदान कर दी है. राज्य विशेष मूल्यांकन समिति की अनुशंसा के बाद प्राधिकरण ने अपनी हरी झंडी दे दी है. अब जो सबसे बड़ी समस्या थी दूर हो गई है. दूसरी बड़ी समस्या आई थी कि विराट रामायण मंदिर का शिखर 225 फीट का बनाने जा रहे थे, जो कंबोडिया के अंकोरवाट मंदिर से थोड़ा अधिक था. अंकोरवाट मंदिर की ऊंचाई 220 फिट है. कंबोडिया सरकार ने इसके लिए आपत्ति जताई थी. इसके बाद विराट रामायण मंदिर की डिजाइन में भी थोड़ा परिवर्तन किया गया और अब मंदिर की ऊंचाई को बढ़ाकर 270 फिट कर दी गई है.
उन्होंने बताया कि तीसरी समस्या में सबसे बड़ा चिंता का विषय था कि मंदिर के भूगर्भ स्तंभ कैसे तैयार होंगे, जो अब 3246 भूगर्भ स्तंभों का निर्माण पूरा हो चुका है. अब ऊपरी स्तंभों का निर्माण कार्य चल रहा है. मंदिर में कुल 2101 पिलर निर्माण होंगे. जो बोतल पर 853 प्रथम तल पर 572 और द्वितीय तल पर 540 तथा शिखर के लिए 136 पिलर होंगे. आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि विराट रामायण मंदिर में कुल 4,47,436 वर्ग फुट निर्माण को पर्यावरण की मंजूरी मिली है. मंदिर के पास 1.36 लाख वर्ग फुट का शिव गंगा का निर्माण कराया जा रहा है जो अयोध्या से जनकपुर तक बन रहे राम जानकी मार्ग पर अवस्थित रहेगा.
दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग होगा स्थापित
उन्होंने बताया कि मंदिर में कुल 12 शिखर होंगे और परिसर के अंदर 22 मंदिर का निर्माण किया जा रहा है. सबसे बड़ी बात है कि इस मंदिर में दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग स्थापित होगा, जो 33 फीट ऊंचा और 33 फीट गोल होगा और इसका वजन 210 मीट्रिक टन होगा. जलाभिषेक करने के लिए सीढ़ी का निर्माण किया जाएगा. उन्होंने बताया कि अब हम लोग को पूर्ण विश्वास हो गया है कि 2 साल के अंदर मंदिर तैयार हो जाएंगे. 2026 में हम लोग का टारगेट है कि मंदिर का उद्घाटन हो जाए, अगर किसी कारणवश नहीं हो पाया तो 2027 के रामनवमी में हर स्थिति में मंदिर का शुभारंभ हो जाएगा और इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे.