Bihar Education Department: बिहार की शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ (ACS Dr. S Siddharth) लगातार एक्शन में हैं. इसी बीच बिहार के वैसे माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय जहां नियमित प्रधानाध्यापक नहीं हैं, वहां किसे प्रभार दिया जाए इसको लेकर माध्यमिक शिक्षा के निदेशक बैद्यनाथ यादव ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश देते हुए पत्र जारी किया है.
दरअसल, बिहार के विभिन्न जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) शिक्षा विभाग से लगातार इस बात की जानकारी मांग रहे थे कि जिस माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में नियमित प्रधानाध्यापक नहीं हैं, वहां किन कोटि के शिक्षकों को प्रभारी प्रधानाध्यापक घोषित किया जाए? इस बात पर शिक्षा विभाग ने समीक्षा के बाद अब पत्र जारी किया है. इस आदेश के जारी होते ही सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी इसे अमलीजामा पहनाने में जुट गए हैं.
जारी किए गए पत्र में क्या लिखा गया है?
आदेश के अनुसार यदि किसी माध्यमिक या उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 के पुराने वेतनमान के प्रधानाध्यापक पदस्थापित हैं और इसके साथ ही स्थानीय निकाय एवं बिहार लोक सेवा आयोग से नियुक्त किए गए शिक्षक भी पदस्थापित हैं, तो ऐसे विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 के पुराने वेतनमान के प्रधानाध्यापक को वित्तीय प्रभारी घोषित किया जा सकता है.
यदि किसी माध्यमिक या उच्च माध्यमिक विद्यालयों में पुराने वेतनमान के माध्यमिक शिक्षक के साथ-साथ स्थानीय निकाय के शिक्षक एवं बीपीएससी से नियुक्त किए गए शिक्षक पदस्थापित हैं तो वैसे विद्यालयों में पुराने वेतनमान के सहायक शिक्षक वरीय होंगे. वही प्रभारी प्रधानाध्यापक भी घोषित किए जाएंगे.
यदि किसी विद्यालय में कक्षा 1 से 8 के पुराने वेतनमान के सहायक शिक्षक पदस्थापित हैं और इसके साथ ही स्थानीय निकाय या बीपीएससी की ओर से नियुक्त किए गए शिक्षक भी पदस्थापित हैं तो वैसे विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 के पुराने वेतनमान के सहायक शिक्षक को वित्तीय प्रभारी घोषित किया जा सकता है.
यदि किसी विद्यालय में केवल स्थानीय निकाय के माध्यम से नियुक्त किए गए शिक्षक पदस्थापित हैं तो वैसे विद्यालयों में स्थानीय निकाय की ओर से नियुक्त किए गए वरीय शिक्षकों को प्रभारी घोषित किया जा सकता है. यदि किसी विद्यालय में केवल बीपीएससी के माध्यम से नियुक्त किए गए शिक्षक पदस्थापित हैं तो वैसे विद्यालयों में बीपीएससी से नियुक्त किए गए शिक्षक को ही प्रभारी घोषित किया जा सकता है.
नियोजित शिक्षकों के स्थान पर बीपीएससी को वरीयता
यदि किसी विद्यालय में बीपीएससी की ओर से नियुक्त शिक्षक एवं स्थानीय निकाय से नियुक्त शिक्षक पदस्थापित हैं तो वैसी स्थिति में बीपीएससी के माध्यम से नियुक्त किए गए शिक्षक को प्रभारी प्रधानाध्यापक घोषित किया जाएगा. वहीं शिक्षा विभाग की ओर से जारी किए गए इस पत्र में स्पष्ट कर दिया गया है कि नियमित प्रधानाध्यापक की नियुक्ति के पश्चात यह व्यवस्था स्वतः समाप्त हो जाएगी.
यह भी पढ़ें- Samrat Choudhary: बिहार को केंद्र से मिला 1170 करोड़, गदगद मन से सम्राट चौधरी ने बताया कहां होंगे खर्च