KK Pathak News: शिक्षा विभाग और राजभवन में तकरार! दो-दो बैठकों में नहीं पहुंचे केके पाठक, क्या है माजरा?
Bihar Education Department: होटल मौर्या में बैठक का आयोजन किया गया था. बैठक की वीडियोग्राफी की गई है. शाम में राजभवन में दूसरी मीटिंग हुई. इसमें भी केके पाठक नहीं पहुंचे.
Bihar ACS KK Pathak: पटना हाईकोर्ट के आदेश पर सोमवार (06 मई) को शिक्षा विभाग और विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की बुलाई गई. बैठक में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक (KK Pathak) नहीं पहुंचे. इस मुद्दे को कुलपतियों ने उठाया. कुलपतियों ने बैठक में कहा कि हाईकोर्ट के आदेश से यह बैठक आयोजित की गई है लेकिन इसमें शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव नहीं आए.
होटल मौर्या में बैठक का आयोजन किया गया था. बैठक की वीडियोग्राफी की गई है. केके पाठक के नहीं आने से एक बार फिर सवाल उठ रहा है कि क्या शिक्षा विभाग और राजभवन के बीच सब कुछ ठीक है? बैठक में शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षा विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव विशेष सचिव सतीश चंद्र झा व अन्य अधिकारी शामिल हुए.
बैठक में क्या कुछ हुआ?
बैठक में स्नातक और स्नातकोत्तर में विद्यार्थियों के नामांकन की स्थिति की समीक्षा की गई. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने, विश्वविद्यालयों के खातों के फिर से चालू करने, लंबित वेतन-पेंशन कॉलेज के सेशन को नियमित करने, अकादमिक कैलेंडर, परीक्षा-फल प्रकाशन, वार्षिक बजट, डिजिटल लाइब्रेरी इत्यादि पर बातचीत हुई है.
पटना उच्च न्यायालय के आदेश के बाद विश्वविद्यालयों के खातों के संचालन पर लगी रोक तो हट गई है लेकिन प्रोफेसरों, कर्मचारियों के लंबित वेतन-पेंशन का भुगतान शुरू नहीं हो पाया है क्योंकि विश्वविद्यालयों के खातों में सरकार की तरफ से फंड जारी नहीं किया गया है. बैठक में इस बात की जानकारी कुलपतियों ने शिक्षा विभाग को दी है. शिक्षा विभाग की ओर से जल्द समस्या के निवारण का आश्वासन दिया गया है.
दूसरी बैठक में भी नदारद रहे केके पाठक
वहीं सोमवार की शाम राजभवन में दूसरी मीटिंग हुई. सभी कुलपति राजभवन पहुंचे. इस बैठक में भी केके पाठक को भी आमंत्रित किया गया था लेकिन यहां भी वह नहीं पहुंचे.
बता दें कि राजभवन व शिक्षा विभाग के बीच बिहार के विश्वविद्यालयों से संबंधित विषयों को लेकर कुछ महीनों से तकरार चल रहा है. केके पाठक ने कई बार विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की बैठक बुलाई थी, लेकिन राजभवन से कुलपतियों को शिक्षा विभाग की इन बैठकों में जाने की अनुमति नहीं मिली थी. इसके बाद केके पाठक ने विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, प्रोफेसरों, कर्मचारियों के वेतन और विश्वविद्यालयों के खाते पर रोक लगा दी थी. इसके बाद राज्यपाल ने पाठक को तलब किया था लेकिन वह तब भी नहीं पहुंचे थे. बीते दिनों में राज्यपाल ने दो बार कुलपतियों की बैठक बुलाई थी जिसमें केके पाठक को भी आमंत्रित किया गया था, लेकिन उसमें भी पाठक नहीं गए थे.
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