पटना: एक नयी रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि बिहार सरकार के अधिकतर प्राथमिक तथा माध्यमिक स्कूलों में ब्लैकबोर्ड बेरंग पड़े हैं, स्कूलों में समुचित चारदीवारी नहीं हैं और शौचालयों की हालत भी खराब है. जिला मजिस्ट्रेट की ओर से शिक्षा विभाग (Bihar Education Department: ) को सौंपी गई निरीक्षण रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. जिला मजिस्ट्रेट ने जुलाई में स्कूलों का निरीक्षण किया और यह पाया गया कि अधिकतर प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल उन मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर रहे हैं जिनकी शिक्षण संस्थानों से उम्मीद की जाती है.


जिला मजिस्ट्रेट ने सौंपी रिपोर्ट


जिला मजिस्ट्रेट ने अपनी निरीक्षण रिपोर्ट में सरकारी स्कूलों में बेरंग ब्लैकबोर्ड, चारदीवारी का अभाव और शौचालयों के इस्तेमाल लायक हालत में नहीं होने की जानकारी दी है. शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव केके पाठक ने जिला मजिस्ट्रेटों को 16 अगस्त को एक आदेश जारी कर उनसे स्कूलों में बेरंग ब्लैकबोर्ड की रंगाई सुनिश्चित करने तथा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के स्वच्छता प्रमुख की अगुवाई में शौचालयों को उपयोग करने योग्य हालत में लाने के निर्देश दिए.


शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने में लगे हैं केके पाठक


केके पाठक ने जिला मजिस्ट्रेट को जितनी जल्दी हो सके, चारदीवारी विहीन स्कूलों में इनका निर्माण कराने का भी निर्देश दिया. उन्होंने इस कार्य के लिए धन जुटाने के तरीके भी सुझाए हैं. बता दें कि बिहार में शिक्षा व्यवस्था को लेकर आए दिन सरकार पर सवाल उठते रहते हैं. अब राज्य सरकार ने शिक्षा में गुणवत्ता को लेकर कड़क अधिकारी केके पाठक को जिम्मेदारी दी है. केके पाठक पिछले एक जुलाई से सभी स्कूलों में सुचारू रूप से स्कूल चलाने, बच्चों को उचित शिक्षा देने के लिए कई तरह के नियमों में बदलाव भी कर चुके हैं.


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