हाजीपुर: बिहार के जमुई में मंगलवार (14 नवंबर) की सुबह एक दारोगा प्रभात रंजन की बालू माफिया ने कुचलकर जान ले ली. इस घटना में होमगार्ड का एक जवान घायल है. उसका इलाज चल रहा है. इस पूरे मामले में बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर (Chandrashekhar) का अजीबो-गरीब बयान सामने आया है. पत्रकारों के सवालों के जवाब में मंत्री चंद्रशेखर ने हाजीपुर में कहा कि क्या यह नई घटना है? पहली घटना है? इससे पहले नहीं हुई है? उत्तर प्रदेश में नहीं होती है? मध्य प्रदेश में नहीं होती है?


चंद्रशेखर ने कहा कि इस तरीके की घटना होती रहती है. अपराधियों को मुंहतोड़ जवाब दिया जाता है. अपराधी कितनी देर बचते हैं? 24 घंटा नहीं 48 घंटे में अपराधी जेल में होते हैं. शहीद दारोगा प्रभात रंजन वैशाली जिले के रहने वाले थे. इस पर मंत्री ने कहा कि वो वैशाली के ही लाल नहीं बिहार और देश के लाल थे. हालांकि अपराध है और जो घटना हुई है वह कोई नई बात नहीं है.


शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर हाजीपुर के भगवानपुर चौक पहुंचे थे. इसका नाम बदलकर अब तेजस्वी प्रसाद यादव चौक रख दिया गया है. आरजेडी के समर्थकों ने मंत्री के पहुंचते ही जोरदार स्वागत किया. इसके बाद आरजेडी नेता केदार प्रसाद यादव से मुलाकात की. इसी दौरान मीडिया से बातचीत में चंद्रशेखर ने इस तरह का बयान दिया है.


वैशाली के भगवानपुर खजूरी के रहने वाले थे प्रभात रंजन


बता दें कि शहीद दारोगा प्रभात रंजन 2018 बैच के थे. वह वैशाली जिले के पातेपुर प्रखंड के भगवानपुर खजूरी निवासी शिव नारायण शाह के पुत्र थे. वर्तमान में जमुई जिले में अवर निरीक्षक के पद पर गरही थाने में तैनात थे. बालू माफिया और ट्रैक्टर चालक ने सुबह-सुबह पुलिस गश्ती के दौरान कुचल दिया. मृतक पुलिस अधिकारी प्रभात रंजन का पूरा परिवार दिल्ली में है. खबर मिलने के बाद वे लोग दिल्ली से बिहार लौट रहे हैं.


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